Modi Hatao Desh Bachao Posters: पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ द्वारा ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ के लिखे पोस्टर लगाने के कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग ने जालंधर के उपायुक्त को आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। हरभजन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आप आदमी पार्टी के अखिल भारतीय अभियान के तहत 31 मार्च को जालंधर में पोस्टर लगाए थे। इस दौरान उनके साथ जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा भी थे। तब उन्होंने कहा था कि संविधान सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन केंद्र सरकार लोगों की आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा था कि जो भी सरकार के खिलाफ मुंह खोलता है तो उसके पीछे केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई, ईडी, इमकम टैक्स और एनआईए आदि लगा दी जाती हैं। सिंह ने कहा था “मैं डरने वाला नहीं हूं और अपनी आवाज उठाता रहूंगा। मैं पूरे पंजाब में भ्रष्ट केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ पोस्टर लगाऊंगा।”

हरभजन सिंह ने मोदी सरकार को दिया था चैलेंज

जालंधर में पोस्टर लगाने के बाद हरभजन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को सीधा चैलेंज दिया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार चाहे जितनी भी एफआईआर उनके खिलाफ दर्ज कर ले, लेकिन वह पूरे पंजाब में झूठी-भ्रष्ट केंद्र सरकार के खिलाफ और प्रधानमंत्री के खिलाफ पोस्ट लगाएंगे। उन्होंने कहा था कि वह न दिल्ली में डरे हैं और न ही पंजाब में डरेंगे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में पोस्टर लगाने पर आम आदमी पार्टी के 138 नेताओं पर केंद्र सरकार के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। सिंह ने कहा था कि सरकार कह रही है कि ऐसे पोस्टर नहीं लगाए जा सकते। उन्होंने कहा कि क्यों नहीं लगाए जा सकते। सभी को अभिव्यक्ति का अधिकार है।

जालंधर में पोस्टर लगाए जाने के दो दिन बाद पंजाब पुलिस ने “मोदी हटाओ, देश बचाओ” पोस्टर लगाने के लिए “अज्ञात व्यक्ति” के खिलाफ जालंधर में प्राथमिकी दर्ज की थी। दर्ज प्राथमिकी में हरभजन सिंह का नाम नहीं था। प्राथमिकी के अनुसार, एएसआई शरणजीत और कांस्टेबल प्रभदीप रात करीब 10 बजे गश्त पर थे, जब उन्हें बीएसएफ चौक पर सड़क के डिवाइडर पर पोस्टर मिले। संयोग से मंत्री द्वारा लगाए गए पोस्टरों को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा एक घंटे बाद हटा दिया गया था।

भाजपा नेता ने राज्यपाल और चुनाव आयोग को लिखा था पत्र

पोस्टर लगाए जाने के तुरंत बाद भाजपा के वरिष्ठ तरुण चुघ ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर हरभजन और आप के अन्य सदस्यों पर जालंधर में लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जहां लोकसभा उपचुनाव होना है। 10 मई को चुघ ने यह कहते हुए मंत्री के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की थी कि पोस्टरों में “प्रिंटर के नाम का उल्लेख नहीं है, न ही यह उल्लेख है कि किसने उन्हें जारी किया है, जो कि एमसीसी दिशानिर्देशों के अनुसार अनिवार्य आवश्यकता है”। उन्होंने कहा कि जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए आप नेताओं ने पोस्टर लगाए हैं। इसके बाद ईसीआई ने मंत्री को नोटिस जारी किया था। मंत्री ने अब इसका जवाब दिया है, जो संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा है कि पोस्टर किसी भी सरकारी भवन पर नहीं लगाए गए थे।”

क्या कहता है नियम-

आरपीए की धारा 127 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी चुनावी पैम्फलेट या पोस्टर को प्रिंट या प्रकाशित नहीं करेगा। जिस पर प्रिंटर और उसके प्रकाशक के नाम और पता नहीं है। अधिनियम का उल्लंघन एक अपराध है और “कोई भी व्यक्ति जो उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, वह कारावास के साथ दंडनीय होगा जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना लगाया जा सकता है।