पंजाब में नई सरकार के बाद भी कांग्रेस में सिद्धू बना कैप्टन की लड़ाई थमती नहीं दिख रही है। अमरिंदर सीएम पद से भले ही इस्तीफा दे चुके हों, लेकिन उनके बगावती तेवर थम नहीं रहे हैं। कैप्टन ने इस बार सिद्धू के साथ-साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी हमला बोला है।
कैप्टन ने कहा है कि अगर कांग्रेस पंजाब चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है तो वो उनको रोकने के लिए “कोई भी बलिदान” देने को तैयार हैं। कैप्टन यहीं नहीं रूके, उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन कह दिया। कैप्टन ने कुछ दिन पहले, यह कहते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था कि उनकी जानकारी के बिना पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाने से वो अपमानित महसूस कर हैं। कैप्टन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया है।
एक इंटरव्यू में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह 2022 के विधानसभा चुनावों में पीपीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कई मीडिया साक्षात्कारों में कहा- “वह (सिद्धू) राज्य के लिए खतरनाक हैं”।
आगे कैप्टन ने कहा कि वो जीत के बाद जाने के लिए तैयार थे लेकिन हार के बाद कभी नहीं। उन्होंने कहा कि तीन हफ्ते पहले सोनिया गांधी को इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने, उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा था। अगर वो फोन करतीं और उन्हें इस्तीफे के लिए कहतीं तो वो जरूर कर देते।
पूर्व मुख्यमंत्री मे कहा कि उन्होंने सोनिया गांधी से यहां तक कह दिया था कि वह कांग्रेस को पंजाब में एक और बड़ी जीत दिलाने के बाद इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए मैं लड़ूंगा। राहुल-प्रियंका पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा- प्रियंका और राहुल मेरे बच्चों की तरह हैं … यह इस तरह खत्म नहीं होना चाहिए था। मैं आहत हूं। वो काफी अनुभवहीन हैं और उनके सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं”।
कैप्टन ने इस प्रोग्राम के दौरान ये संकेत दिए कि उन्होंने अपने राजनीतिक विकल्प अभी खुले रखे हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने दोस्तों से आगे के भविष्य के लिए सलाह ले रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वेणुगोपाल या अजय माकन या रणदीप सुरजेवाला जैसे कांग्रेस नेता कैसे तय कर सकते हैं कि कौन किस मंत्रालय के लिए अच्छा है।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। दोनों एक दूसरे पर सार्वजनिक रूप से आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। कांग्रेस आलाकमान भी इन दोनों के बीच विवाद को सुलझाने में नाकाम ही दिख रही थी। इन्हीं विवादों के बीच सिंद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान दे दी गई। जिसके कुछ दिन बाद सीएम पद से कैप्टन ने भी इस्तीफा दे दिया था।
