महाराष्ट्र में अपने दबंग रवैये और कथित तौर पर मनमानी की वजह से चर्चा में आई ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर के खिलाफ चल रही जांच के बीच ही अब उनके माता-पिता के खिलाफ भी केस दर्ज हो गया। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ट्रेनी आईएएस के माता-पिता पर आरोप है कि उन्होंने एक किसान को बंदूक दिखाकर डराया धमकाया और परेशान किया। किसान की शिकायत पर शुक्रवार की रात पुणे के पौड थाने में मां मनोरम खेडकर और पिता दिलीप खेडकर समेत सात लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पूजा की मां हाथ में गन लेकर किसानों को धमका रही हैं।

पूजा खेडकर के खिलाफ जांच जारी

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ भी जांच जारी है। केंद्र सरकार ने एक सदस्यीय जांच समिति गठित की है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक यदि वह दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। यदि यह पाया जाता है कि उन्होंने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया है या यह पाया जाता है कि उनका चयन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया है, उनमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा है तो उन्हें आपराधिक आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है।”

वर्ष 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी खेडकर प्रोबेशनर हैं और मौजूदा समय में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। खेडकर (34) पर भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों ने कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की एकल जांच समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र में वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी नई भूमिका संभाल ली। उनका तबादला पुणे से किया गया था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगाई थी। कार पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ भी लिखा हुआ था।

पुणे के डीएम सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाडरे को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे “प्रशासनिक जटिलताओं” से बचने के लिए खेडकर को दूसरे जिले में तैनाती देने पर विचार करें, जिसके बाद इस विवादास्पद अधिकारी को वाशिम भेज दिया गया। दिवासे ने कनिष्ठ कर्मचारियों के साथ कथित आक्रामक व्यवहार, अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर अवैध कब्जा और ऑडी पर लाल बत्ती लगाने तथा दिन के समय इसे लगाकर चलने से संबंधित उल्लंघनों सहित खेडकर के व्यवहार के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।