दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अलग रह रही उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को यहां जम्मू कश्मीर सरकार के बंगले से निकालने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर रेजीडेंट कमिश्नर कार्यालय के दस्ते ने बंगले का बाहरी गेट तोड़ दिया और उनका सामान निकाला जा रहा है। कोर्ट ने पायल अब्दुल्ला को सरकारी बंगला से अविलंब बाहर निकाले को कहा है। कोर्ट ने कहा कि इस बंगला को बनाए रखने की उनकी हकहारी पूरी तरह से गैकानूनी है। इससे पहले कोर्ट ने शालीनता से पायल अब्दुल्ला को बंगला छोड़ने के लिए मौखिक रूप से कहा था।

न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने अपने आदेश में कहा कि अगर जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त उमर और फारूक अब्दुल्ला निजी आवास में सुरक्षित हो सकते हैं तो ‘इसका कोई कारण नहीं है’ कि पायल और उनके बेटे सुरक्षित नहीं हो सकते। विस्तृत फैसला सोमवार को उपलब्ध हुआ, हालांकि फैसला अदालत ने 19 अगस्त को सुनाया था। कोर्ट ने कहा कि पायल की यह चिंता गलत है कि उन्हें और उनके बेटे को उचित सुरक्षा प्रदान नहीं की जाएगी। उसने उनकी वह याचिका खारिज कर दी जो पायल ने लुटियंस जोन में 7 अकबर रोड बंगले में बने रहने के लिए दायर की थी।

कोर्ट ने कहा कि अगर याची-1 (पायल) के पति (उमर) और ससुर (फारुक) को सही ढंग सुरक्षा मिल सकती तो फिर इसका कोई कारण नहीं है कि याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा नहीं दी जा सकती है। 16 अगस्त को एक निचली अदालत ने पायल से इस बंगले से बाहर निकलने के लिए कहा था। इसके तीन दिन बाद न्यायमूर्ति कौर ने पायल से उनके वकील के माध्यम से कहा कि क्या आप शालीनता से बाहर निकलेंगी या मुझे आदेश पारित करना पड़ेगा?

1999 से इस बंगले में रह रही पायल ने निचली अदालत के 16 अगस्त के फैसले के बाद हाई कोर्ट में गई थी। निचली अदालत ने उनसे लुटियन जोन में स्थित इस बंगले को खाली करने को कहा था। जम्मू कश्मीर सरकार ने बंगले में पायल के रहने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि उसके पास दिल्ली में प्रदेश की मुख्यमंत्री के रहने के लिए कोई उचित आवास उपलब्ध नहीं है। इसके बाद ही निचली अदालत ने पायल अब्दुल्ला को सरकारी बंगले को छोड़ने के लिए कहा था।