उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंसा भड़काने को लेकर अटाला मस्जिद के इमाम को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। इमाम पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इमाम अली अहमद ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पुलिसकर्मियों को काफिर कहा था और पुलिस का मानना है कि अली अहमद के बयान के बाद ही शहर में हिंसा भड़की थी। वहीं यूपी पुलिस ने अब तक प्रदेश में कुल करीब 325 लोगों की गिरफ़्तारी की है।
प्रयागराज हिंसा में करीब कितने का नुकसान हुआ है, इसकी भी जानकारी मिल गई है। प्रयागराज में हिंसा के दौरान लाखों का नुकसान हुआ है। एक आकलन के मुताबिक हिंसा के दौरान चौराहे पर लगे हुए करीब 6 लाख 25 हजार के सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए हैं। जबकि करीब 7 लाख 33 हजार के मूल्य की नगर निगम की स्ट्रीट लाइट तोड़ी गई है और उसके तार जलाये गए हैं।
वहीं पुलिस ने खुल्दाबाद थाने में उपद्रवियों पर 2 और मुक़दमे दर्ज किये हैं, जबकि 3 मुक़दमे पहले से दर्ज हैं। सीसीटीवी की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनी के पास है और कंपनी के कर्मचारी ने खुल्दाबाद थाने में उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। सावर्जनिक संपत्ति के नुकसान के अधिनियम 4 और 5 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वीडियो और तस्वीरों के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
वहीं प्रयागराज में बुलडोजर की कार्रवाई पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, “बुलडोजर की कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है। वहीं प्रयागराज में हुई हिंसा के मद्देनजर अभी भी भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। हिंसा में यूपी पुलिस के 13 लोग लोग घायल हुए हैं और पूरे प्रदेश में स्थिति सामान्य है। सोशल मीडिया पोस्ट पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।”
वहीं प्रयागराज हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “यूपी सरकार एक समुदाय विशेष को टारगेट करके बुलडोजर विध्वंस व अन्य द्वेषपूर्ण आक्रामक कार्रवाई कर विरोध को कुचलने एवं भय व आतंक का जो माहौल बना रही है, यह अनुचित व अन्यायपूर्ण है। घरों को ध्वस्त करके पूरे परिवार को टारगेट करने की दोषपूर्ण कार्रवाई का कोर्ट जरूर संज्ञान ले। सरकार द्वारा नियम-कानून को ताक पर रखकर आपाधापी में किए जा रहे बुलडोजर विध्वंसक कार्रवाईयों में न केवल बेगुनाह परिवार पिस रहे हैं बल्कि निर्दोषों के घर भी ढह दिए जा रहे हैं।”