जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के तीन उम्मीदवारों को डरा-धमकाकर नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने डराने-धमकाने का आरोप केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर लगाया।
पटना के शेखपुरा हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने मंगलवार को दावा किया कि बीजेपी चुनाव हारने के डर से विपक्षी उम्मीदवारों को मैदान से हटने के लिए धमका रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा, “जनसुराज को वोटकटवा बताने वाली भाजपा को असल में डर लग रहा है। भाजपा को महागठबंधन से नहीं, बल्कि जनसुराज से डर लग रहा है।”
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प्रशांत किशोर ने दावा किया कि दानापुर में बीजेपी ने जन सुराज के उम्मीदवार अखिलेश कुमार उर्फ मुतुर शाह को दिनभर रोके रखा और नामांकन नहीं करने दिया। किशोर ने कहा कि मुत्तुर शाह को गृह मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी समेत वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के साथ रखा गया था।
प्रशांत किशोर ने कहा, “लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया था तो गुजरात के सूरत में सारे दलों के प्रत्याशियों का नामांकन वापस ले लिया गया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब बीजेपी का प्रत्याशी बिना चुनाव लड़े ही जीत कर आ गया।”
प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग 400 सीट का दावा कर रहे थे वे 240 पर आ गए। किशोर ने कहा, “लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, सरेआम उम्मीदवारों को धमकी दी जा रही है, उनको घरों में बंद किया जा रहा है और बंद करने वाले लोग स्थानीय नेता नहीं हैं, गुंडे-बदमाश मवाली नहीं हैं, भारत सरकार के मंत्री हैं।”
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दानापुर में क्या कर रहे थे अमित शाह?
प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि भारत के गृह मंत्री का मुत्तुर शाह से क्या संबंध है? प्रशांत किशोर ने कहा कि गृह मंत्री से पूछा जाना चाहिए कि आप दानापुर में जनसुराज के उम्मीदवार के साथ बैठकर क्या कर रहे हैं और उसे आपने क्यों घेरा हुआ है?
चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि धर्मेंद्र प्रधान ने भी जन सुराज के तीन उम्मीदवारों पर दबाव डाला। उन्होंने एक फोटो भी जारी किया, जिसमें धर्मेंद्र प्रधान जन सुराज पार्टी के ब्रह्मपुर सीट से उम्मीदवार डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी के साथ दिखाई दे रहे हैं।
किशोर ने कहा कि तीन दिन प्रचार करने के बाद उनकी पार्टी के प्रत्याशी तिवारी ने अचानक नामांकन वापस ले लिया और धर्मेंद्र प्रधान के साथ उनकी तस्वीर यह साबित करती है कि उन पर दबाव डाला गया था। इसी तरह गोपालगंज में बीजेपी नेताओं ने डॉ. शशि शेखर सिन्हा को भी नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया।
केसी सिन्हा पर भी बनाया जा रहा दबाव
किशोर ने आरोप लगाया कि कुम्हरार सीट के उम्मीदवार प्रो. केसी सिन्हा को भी धमकी दी जा रही है कि वे नामांकन वापस ले लें लेकिन उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया है।
किशोर के मुताबिक, वाल्मीकिनगर सीट से जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. नारायण प्रसाद ने दो साल पहले शिक्षक पद से इस्तीफा देकर जन सुराज का हाथ पकड़ा था लेकिन अब उन प दबाव डाला जा रहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है, इसलिए वे चुनाव नहीं लड़ सकते।
प्रशांत किशोर ने इन सारी घटनाओं का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। किशोर ने कहा, “अगर आप उम्मीदवारों की सुरक्षा नहीं कर सकते, तो मतदाताओं की कैसे करेंगे? जब उम्मीदवारों को धमकाकर चुनाव मैदान से हटाया जा सकता है, तो मतदान के दिन वोटरों को डराने से कौन रोकेगा?”
किशोर ने कहा- लड़ाई जारी रखेंगे
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज के 14 उम्मीदवारों को धमकियां दी जा रही हैं और दबाव डाला जा रहा है लेकिन 240 उम्मीदवार अभी भी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी संस्थापक ने कहा कि वे हमें डराकर नहीं रोक सकते और हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
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