दिल्ली पुलिस ने किडनी बेचने के अवैध कारोबार के आरोप में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल के दो कर्मचारियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग कथित रूप से देश के अलग-अलग हिस्सों से किडनी देने वालों को दिल्ली लाते थे। गिरफ्तार लोगों में तीन दलाल शामिल हैं।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पूर्व) मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में शामिल आदित्य सिंह और शैलेश सक्सेना पिछले तीन-चार साल से अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों के निजी सचिवों के तौर पर काम कर रहे थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले एक व्यक्ति और किडनी लेने वाले व्यक्ति के परिजन के बीच बातचीत कराने के लिए 2 जून को अपोलो अस्पताल आएंगे। इसके बाद गुरुवार को छापेमारी कर असीम सिकदर, सत्यप्रकाश और देवाशीष मौलिक को गिरफ्तार कर लिया गया।

दलाल पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों के गरीब लोगों को तीन-चार लाख रुपए के बदले किडनी देने का लालच देते थे और उन्हें दिल्ली लाकर यहां के होटलों में ठहराते थे। अधिकारी ने बताया, ‘किडनी लगवाने वाले और किडनी देने वाले व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच कराई जाती थी और अनुकूलता का मेल करने के बाद अपोलो अस्पताल में आॅपरेशन किए गए।’ इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘हम कथित किडनी बिक्री गिरोह से संबंधित पुलिस की जांच में मदद के लिए उनसे सहयोग कर रहे हैं और सभी जरूरी सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं।’

रंधावा ने कहा कि पुलिस की ओर से बड़ी संख्या में मूल फाइलें, सीडी और दस्तावेज बरामद करने के साथ किडनी बिक्री के पांच मामलों का पता चला और मामले की पूरी जांच की जा रही है। किडनी गिरोह को लेकर यहां के सरिता विहार पुलिस थाने में आइपीसी और मानव अंग प्रतिरोपण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड जैसे फर्जी पहचान पत्र व लैपटॉप भी बरामद किए गए। अपोलो अस्पताल ने किडनी गिरोह में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि वह आरोपियों के सुनियोजित अभियान का ‘शिकार’ हुआ है।

– अस्पताल के कर्मचारी देश के अलग-अलग हिस्सों से किडनी देने वालों को दिल्ली लाते थे
– गिरफ्तार लोगों में शामिल आदित्य सिंह और शैलेश सक्सेन अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों के निजी सचिवों के तौर पर काम कर रहे थे
– गरीब लोगों को तीन-चार लाख रुपए के बदले किडनी देने का लालच देते थे और उन्हें दिल्ली लाकर यहां के होटलों में ठहराते थे