नई दिल्ली, 3 मई। प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में हवाई टिकटों की ऊंची कीमतों को लेकर सदस्यों की चिंता और रोष के बीच नागर विमानन मंत्री ने कहा है कि इस समस्या पर रोक लगाने के लिए वह संभावनाएं तलाशने के लिए एअरलाइनों से विचार-विमर्श करेंगे।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने लोकसभा में बताया, ‘मंत्रालय बढ़ी कीमतों पर रोक के लिए संभावनाएं तलाशने के मकसद से एअरलाइनों सहित सभी पक्षकारों से विचार विमर्श करेंगे।’ मंत्रालय की 2016-17 की अनुदान की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने यह बात कही। मांगों पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने चेन्नई और श्रीनगर में अचानक आई बाढ़ और जाट आंदोलन के दौरान एअरलाइनों द्वारा वसूली गई टिकटों की ऊंची कीमत पर गहरी चिंता और कड़ी आपत्ति जताई।
अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राजू ने कहा कि एअरलाइनों ने अराकोणम एअरबेस से बंगलुरु तक की उड़ान संचालित कर और चेन्नई बाढ़ के समय हैदराबाद के लिए उड़ानों का आयोजन कर आपदा में फंसे लोगों को निकालने में भी सरकार की मदद की थी। विमानन मंत्री ने बताया कि एयरलाइनों ने श्रीनगर में बाढ़, नेपाल में भूकम्प और हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान भी अतिरिक्त उड़ानों का संचालन किया था।
खाड़ी देशों के मार्ग पर टिकटों की ऊंची कीमतें होने की केरल के एक सदस्य की शिकायत पर मंत्री ने कहा, ‘हम केवल भारत में चीजों को नियंत्रित कर सकते हैं।’ कोई नया एअरलाइन शुरू करने के किसी प्रस्ताव के बारे में उठे सवाल पर उन्होंने कहा,‘ कोई आवेदन अब तक नहीं आया है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने आवेदन करने वाली किसी एअरलाइन को मना नहीं किया। पिछले दो सालों में चार एअरलाइंस को मंजूरी दी गई है। ऐसी किसी केरल एअरलाइन ने आवेदन नहीं दिया है।’ बाद में सदन ने ध्वनिमत से मांगों को मंजूरी दे दी।
इससे पूर्व बहस के दौरान कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने केंद्र से एअर केरल विमानन कंपनी शुरू करने के केरल सरकार के प्रस्ताव पर तेजी से काम करने की अपील की थी। अपने जवाब के दौरान राजू ने बताया कि मंत्रालय द्वारा जनवरी से मार्च 2013 और 2016 की समान अवधि के बीच किए गए एक तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि हवाई किराए में 18.10 फीसद की कमी आई है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में कमी का फायदा एअरलाइनें यात्रियों को उपलब्ध करा रही हैं। पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर विभिन्न पक्षों द्वारा चिंता जताई जा रही थी कि एटीएफ में कमी के बावजूद हवाई टिकटों की कीमतों को कम नहीं किया जा रहा है।
यूपीए सरकार के दौरान एअर इंडिया द्वारा खरीदे गए विमानों के संबंध में राजू ने बताया कि मामला लोक लेखा समिति के समक्ष लंबित है जिसने मौखिक सबूत लिए हैं और मामला इस माह समिति के समक्ष आएगा। मंत्री ने बताया कि एअर इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में आठ करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष में 2686 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। राजू ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में ठोस वृद्धि हुई है, जो 21 फीसद है। इस समय यात्री संख्या के लिहाज से भारत दुनिया में नौंवे नंबर पर है। हमारा मकसद 2022 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नागर विमानन अर्थव्यवस्था बनना है।
उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में नागर विमानन क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है जहां 12 फीसदी की वृद्धि के साथ सीटों की संख्या 66,758 से बढ़कर 74,499 हो गई है। मंत्री ने बताया कि नागर विमानन नियामक डीजीसीए जल्द ही 166 सेवाओं को आॅनलाइन उपलब्ध कराएगा। इसके पहले सेट को इस महीने में चालू किया जाएगा। उन्होंने साथ ही बताया कि राष्ट्रीय नागर विमानन नीति को सभी पक्षकारों से विचार-विमर्श कर तैयार किया जा रहा है। एअर इंडिया और उसके बोइंग 787 बेड़े को लेकर पेश आ रही दिक्कतों के संबंध में राजू ने बताया कि कुछ बाधाओं को दूर कर लिया गया है क्योंकि कलपुर्जे उपलब्ध हो गए हैं।