बिहार की राजनीति में हाथ आजमाने आए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राज्य में चल रही जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि यह जातिवाद को बढ़ावा देने के अलावा कुछ नहीं है और इसका कोई उद्देश्य नहीं है।

जाति से परे राजनीति के लिए काम करने का दावा करने वाले और ब्राह्मण जाति से आने वाले प्रशांत किशोर ने आरजेडी (RJD) की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब भी वह आरजेडी सरकार में थी, तब बिहार में कानून और व्यवस्था ख़राब थी। किशोर का इशारा सारण की घटना की ओर लग रहा था, जहां एक ओबीसी यादव (OBC Yadav leader) नेता पर दो राजपूत युवकों को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। हालांकि अधिकारियों ने मामले में जाति के एंगल से इनकार किया है।

पूरे बिहार में पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने जैसे ही यह कहा आरजेडी की तरफ से जवाब आ गया। पार्टी के मधेपुरा विधायक और शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर (Education Minister Chandra Shekhar) ने बिना किसी का नाम लिए कहा, “हम एकलव्य हैं जो अब अपना अंगूठा नहीं देते हैं। अब जरूरत पड़ने पर हम दूसरों के अंगूठे काट लेते हैं।”

अपने जन सुराज अभियान (Jan Suraaj campaign) के दौरान सीवान में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि जातिगत जनगणना किस उद्देश्य से होगी? आखिर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और मुसलमानों की गिनती तो पहले से ही हो रही है। क्या उनकी हालत में सुधार हुआ है? जातिगत जनगणना करना पुस्तकालय में बैठने, कोई किताब न पढ़ने और अभी भी यह सोचने जैसा है कि कोई आइंस्टीन (Einstein) बन सकता है।” कुछ दिन पहले प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को लेकर भी बड़ी बात कही थी

प्रशांत किशोर ने कहा कि आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan government) जिन ओबीसी, अति पिछड़ा वर्ग और मुसलमानों को पूरा करने की कोशिश कर रही थी, उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वोट दे दिया था। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना केवल जाति उन्माद को बढ़ाएगी।

वहीं भाजपा के बिहार अध्यक्ष संजय जायसवाल (BJP Bihar president Sanjay Jaiswal) ने कहा है कि पार्टी जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन इसका प्रारूप तैयार करने से पहले बिहार सरकार ने पार्टी से सलाह नहीं ली थी।