जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के कुपवाड़ा में भाषण देते हुए अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘असली मुजाहिद’ बता दिया। बता दें कि ‘मुजाहिद’ शब्द का प्रयोग कश्मीर में आंतकियों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। महबूबा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर कर रहे हैं।
क्या था महबूबा का बयान: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बीते रविवार (17 मार्च) को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में भाषण देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने कहा, “आप शायद अपनी ताकत को नहीं समझते हैं। आप सभी केवल कार्यकर्ता नहीं हैं। अगर मुझसे कोई पूछता है कि ‘असली मुजाहिद’ कौन है तो मैं उन्हें कहूंगी कि वो पीडीपी के कार्यकर्ता हैं। आपके हाथों में पत्थर या बंदूकें नहीं है, लेकिन जिस तरह की सेवा आपने इतने कम समय में देश को दीं है किसी ने 50-60 सालों में ऐसा नहीं किया।”
लोगों ने किया ट्रोलः टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक महबूबी मुफ्ती के इस भाषण को लेकर उन्हें सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल किया जा रहा है। कई लोगों ने मुफ्ती को ट्रोल करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर पीडीपी कार्यकर्ता ‘असली मुजाहिद’ है तो गुलजार पीर तालिबान है। बता दें कि गुलजार पीर एक धर्मगुरू है जिस पर कई नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार का आरोप है। इसी तरह एक दूसरे यूजर ने लिखा मुफ्ती आरएसएस की मुजाहिद थीं, इसी वजह से उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में थी। वहीं सउदी अरब की किंग फहद यूनिवर्सिटी के एक कश्मीरी ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया, “जाओ और निर्दोष लोगों के खून से हाथ धोओ।”
कश्मीरी पत्रकार ने कहा: कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी ने मुफ्ती के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर पीडीपी कार्यकर्ता ‘असली मुजाहिदीन’ हैं, तो क्या एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और अन्य सुरक्षा बलों को उन्हें ‘मुठभेड़’ में मार देना चाहिए?” गौरतलब है कि हाल ही में सेना ने जम्मू- कश्मीर में आंतकियों के संदर्भ में कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ अपनाई जाती है। लेफ्टिनेंट जनरल जे.एस. ढिल्लों ने कहा था कि जो भी कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए बंदूक उठाएगा अगर वह आत्मसमर्पण नहीं करता तो उसे मार दिया जाएगा।
व्हाट्सएप ग्रुपों पर शेयर हो रहे मेम्सः सोशल मीडिया व्हाट्सएप ग्रुपों पर महबूबा मुफ्ती के सहयोगी और पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर के मेम्स काफी वायरल हो रहे हैं। कई मेम्स में नईम अख्तर को ‘फिदायीन’ आतंकियों जैसे कपड़े पहने दिखाया गया है। यहीं नहीं लोगों को ‘हिजबुल -पीडीपी’ में शामिल होने को कहा गया है। इसके अलावा कई लोगों ने यहां तक कह दिया कि महबूबा ने पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए हिजबुल की मदद ली थी।