Patna Sahib Lok Sabha Constituency: बिहार की 40 लोकसभा क्षेत्र में जिन 8 सीटों पर आखिरी चरण में चुनाव होने हैं। उनमें से एक पटना साहिब लोकसभा सीट भी है। बीजेपी ने पटना साहिब से अपने मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से मुकाबले में लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के पुत्र अंशुल अभिजीत हैं।
पटना साहिब के गली-मुहल्लों से लेकर चाय की दुकान पर एक ही चर्चा है कि पटना साहिब का सांसद कौन? राजधानी पटना में प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी प्रत्याशी रवि शंकर प्रसाद के पक्ष में रोड शो भी कर चुके हैं। इंडिया गठबंधन की तरफ से भी प्रत्याशी के समर्थन में लगातार रैलियां हो रही हैं। भीषण गर्मी के बीच पटना का राजनितिक पारा रोजाना बढ़ता ही जा रहा है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि पटना साहिब की जनता किसके साथ जाती है। पटना की जनता रवि शंकर प्रसाद को दोबारा मौका देती है या कांग्रेस के अंशुल अभिजीत को सांसद बनाती है।
कौन हैं अंशुल अभिजीत?
पटना साहिब से कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अभिजीत देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के नाती हैं। अंशुल अभिजीत लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार के पुत्र हैं। अंशुल अभिजीत की दादी सुमित्रा देवी बिहार सरकार में पहली महिला मंत्री बनी थी। कुशवाहा जाती से ताल्लुक रखने वाले अंशुल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से PHD कर रखी है। अंशुल ने चुनावी हलफनामे में अपने पास 3 करोड़ रुपए होने का जानकारी दिया है।
रविशंकर प्रसाद के पास कितना संपत्ति
पटना साहिब से बीजेपी प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। रविशंकर प्रसाद मोदी सरकार में कई मंत्रालय के मंत्री भी रह चुके हैं। कायस्थ जाती से आने वाले रविशंकर प्रसाद के पास 23 करोड़ की संपत्ति है।
क्या हैं इस चुनाव में मुद्दे?
लोकसभा चुनाव में पटना साहिब की जनता की मानें तो पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने से लेकर रोजाना जाम की समस्या अहम मुद्दा है। इसके अलावा राजधानी में क्रिकेट स्टेडियम और अस्पताल की मांग भी बार-बार उठते रही है।
क्या है पटना साहिब का जातीय समीकरण?
पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में करीब 21,46,008 मतदाता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में कायस्थ वोटर्स सबसे अधिक 5 लाख के करीब है। दूसरे स्थान पर यादव और राजपूत वोटर्स हैं। हालांकि, इस सीट पर अनुसूचित जाति के वोटर्स भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जिनकी आबादी लगभग 6 प्रतिशत के आसपास है। शहरी क्षेत्र होने के वजह से इस लोकसभा सीट पर मतदाताओं में जातीय फैक्टर को कम आंका जा सकता है।
2009 में पटना से बने दो संसदीय क्षेत्र
साल 2008 तक पटना एक ही लोकसभा क्षेत्र हुआ करता था। साल 2009 के लोकसभा चुनाव से पूर्व हुए परिसीमन में पटना लोकसभा क्षेत्र से दो लोकसभा क्षेत्र का गठन किया गया। पहला बना पटना साहिब और दूसरा पाटलिपुत्र।
6 विधानसभा सीट में 4 हैं बीजेपी के पास
साल 2020 के हुए बिहार विधानसभा चुनाव में पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली 6 विधानसभा क्षेत्र में 4 पर बीजेपी के विधायक ने जीत दर्ज किया था वहीं 2 विधानसभा से राजद के विधायक चुने गए थे।
पिछले दो चुनाव में क्या रहे हैं नतीजे
2014 लोकसभा चुनाव का परिणाम पर नजर डालें तो बीजेपी के टिकट पर बॉलीवुड अभिनेता और बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा दोबारा सांसद चुने गए थे। शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी कुणाल सिंह को लगभग 2 लाख 65 हजार मतों से हराया था।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के तरफ से चुनावी मैदान में थे। उन्हें बीजेपी के रविशंकर प्रसाद के हाथों लगभग 2 लाख 84 हजार के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। शत्रुघ्न सिन्हा लोकसभा चुनाव 2024 में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से आसनसोल से उम्मीदवार हैं।
(यह खबर जनसत्ता.कॉम के साथ इंटर्नशिप कर रहे ज्योत प्रकाश ने लिखी है)