भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार (31 जुलाई, 2022) को पटना में वंशवाद की राजनीति पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीडीपी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद, टीआरएस, शिवसेना, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में वंशवाद की राजनीति व्याप्त है। राजनीतिक वंशवाद से लड़ना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। बता दें, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटना में बीजपी जिला कार्यालयों के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।

जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी ने हार्डवेयर तैयार किया है, लेकिन सॉफ्टवेयर हमको बरकरार रखना है। बीजेपी वैचारिक पृष्ठभूमि वाली राजनीतिक पार्टी है। आज अनेकों लोग जो दो से तीन दशकों तक दूसरी पार्टियों में रहें, वो अपनी पार्टियां छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इन सभी को समझ में आ गया है कि कार्य करते हुए देश को परिवर्तित करने का उपकरण है तो वो बीजेपी है।

जेपी नड्डा के परिवारवाद वाले बयान पर यूजर बिफर गए। यूजर्स ने जेपी नड्डा से परिवारवाद को लेकर पूरी लिस्ट सामने रखकर कई सवाल पूछे।

Dr. EnTiRe PoLiTiCaL ScIeNcE (@atul8707) नाम के यूजर ने जेपी नड्डा के सामने बीजेपी नेताओं की परिवारवाद को लेकर लंबी लिस्ट सामने रख दी। लिस्ट में- पंकज सिंह, पीयूष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, तेजस्वी सूर्या, पंकजा मुंडे, दुष्यंत सिंह, जय शाह, अनुराग ठाकुर, अदिति सिंह, देवेंद्र फडणवीस, बसवराज सोमप्पा बोम्मई, विजयेंद्र. सनी देओल, हेमा मालिनी ये सभी नाम किसकी पार्टी के हैं। यूजर ने लिखा कि इसके अलावा भी और भी बहुच नाम हैं।

जेपी नड्डा के बयान पर यूजर्स के कमेंट्स-

वहीं स्प्रेड (@kiran_mestry) नाम की एक यूजर ने जेपी नड्डा के बयान पर ट्वीट करते हुए न्यूज पेपर की एक कटिंग साझा की है। जिसमें परिवारवाद से संबंधित कई बीजेपी नेताओं के नाम हैं। उन्होंने लिखा-‘राजनीतिक राजवंशों की सूची बीजेपी में जारी है’।

छात्रों ने लगाए थे जेपी नड्डा गो बैक के नारे-

बता दें शनिवार (30 जुलाई, 2022) को पटना में जेपी नड्डा अपने रोड शो के बाद जब पटना कॉलेज पहुंचे तो वहां उन्हें छात्रों का विरोध झेलना पड़ा था। यहां छात्रों ने जेपी नड्डा को काले झंडे दिखाकर विरोध दर्ज कराया। साथ ही ‘जेपी नड्डा गो बैक’ के नारे भी लगाए। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर छात्रों ने नड्डा का विरोध किया। भारी हंगामे को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।