पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार टीएमसी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Parth Chaterjee) को न सिर्फ कैबिनेट से हटा दिया गया बल्कि उन्हे पार्टी से भी निकाल दिया गया है। जिसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पार्थ चटर्जी ने कहा कि सिर्फ समय जवाब देगा।
तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटाए जाने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त किये जाने के एक दिन बाद पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है। 69 वर्षीय चटर्जी को स्कूल भर्ती घोटाला के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार (28 जुलाई 2022) को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को मेडिकल जांच के लिए ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। पार्थ चटर्जी फिलहाल उद्योग मंत्री थे। उन्हें टीएमसी के महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ-साथ बाकी तीन पदों से भी हटा दिया गया है। इसमें सूचना एवं प्रसारण विभाग, संसदीय मामलों से जुड़े विभाग भी शामिल हैं।
जांच पूरी होने तक सस्पेंड: टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, “उनको जांच पूरी होने तक के लिए सस्पेंड किया गया है। अगर वह दोषी नहीं पाए जाते हैं तो उनकी पार्टी में वापसी होगी।” इस बारे में बात करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। मेरी पार्टी सख्त कार्रवाई करती है। इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन मैं विवरण में नहीं जाना चाहती।”
गौरतलब है कि ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर छापेमारी की थी। एजेंसी ने कोलकाता में मुखर्जी के अपार्टमेंट से आभूषण और विदेशी मुद्रा के अलावा 20 करोड़ रुपए से अधिक नकदी बरामद किए थे। इसके पहले ईडी ने अर्पिता के घर छापेमारी कर 21 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे। अर्पिता पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाती हैं।
रोने लगीं अर्पिता: वहीं, दूसरी ओर शुक्रवार सुबह अर्पिता को जांच के लिए ईएसआई अस्पताल लाया गया। ईडी की गाड़ी अस्पताल के बाहर पहुंची, तो अर्पिता गाड़ी से उतर नहीं रही थीं। जब गाड़ी का दरवाजा खुला, तो लोग यह देखकर हैरान हो गए कि अर्पिता जोर-जोर से रो रही थीं। उन्हें किसी तरह से अधिकारियों ने गाड़ी से उतारा। इस दौरान वह लगभग जमीन पर गिर गईं। अधिकारी उन्हें व्हीलचेयर पर लेकर गए। बताया जाता है कि अस्पताल में उन्हें काफी समय तक विशेष कक्ष में रखा गया।