अयोध्या में अवैध रूप से भूमि की खरीद-फरोख्त करने और प्लॉटिंग कराने की शिकायत पर विवाद गहराता जा रहा है। कुछ विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्ता पक्ष के कई नेता और उनके सहयोगी भी अवैध प्लॉटिंग करने के काम में लगे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। इसमें करोड़ों रुपए का खेल चल रहा है। इस बीच उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आरोप को गलत और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस काम में भाजपा का कोई सदस्य शामिल नहीं है। इस मामले की जांच कराई जा रही है और जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा अयोध्या विकास प्राधिकरण से भाजपा नेताओं के नाम वाली वायरल लिस्ट फर्जी है। प्राधिकरण ने ऐसी कोई लिस्ट जारी नहीं की है। उप मुख्यमंत्री का कहना है कि “विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वे अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनते नहीं देख पा रहे हैं। मंदिर के प्रति उनमें कोई आस्था नहीं है, बल्कि द्वेष भावना से वे इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।”

अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने की थी शिकायत

अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने पिछले दिनों भू माफिया को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा था। इसमें जमीन के अवैध कारोबार की शिकायत करते हुए उन्‍होंने अयोध्या में जमथरा से गोलाघाट तक भूमाफिया की ओर से नजूल और सरयू नदी की डूब की भूमि में किए गए अवैध कब्जों की एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी। चर्चा है कि उसी पत्र पर ये कार्रवाई की गई है।

वायरल सूची में अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता व पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ का नाम होने से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने लिखा, ‘हमने पहले भी कहा है फिर दोहरा रहे हैं… ‘भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें’।

इससे पहले अयोध्या में जमीन घोटाले मामले में बीजेपी विधायक और मेयर सहित 40 लोगों का लिस्ट में नाम सामने आने के बाद आप सांसद संजय सिंह ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि एक साल से अधिक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब भाजपा ने भी माना कि प्रभु श्री राम के मंदिर के निर्माण में भाजपा के नेता ही हजारों करोड़ का घोटाला कर रहे हैं।