ढाई महीने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम योजना फिर शुरू हुई और उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई। हालांकि काफी कम संख्या में निजी वाहन सड़कों पर दिखे क्योंकि शुक्रवार को रामनवमी की छुट्टी थी। महानगर के विभिन्न इलाकों में हजारों पुलिसकर्मी और सिविल डिफेंस के वालंटियर तैनात थे ताकि 30 अप्रैल तक चलने वाली इस योजना का कड़ाई से पालन हो सके। शुक्रवार को 1300 से ज्यादा उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना किया गया जबकि पहले चरण में एक जनवरी को महज 203 वाहनों पर कार्रवाई हुई थी।
योजना के वास्तविक प्रभाव का पता सोमवार को चल सकेगा जब दूसरे चरण का पहला पूर्ण कार्य दिवस होगा। शुक्रवार को रामनवमी के कारण छुट्टी थी और इसके बाद शनिवार और रविवार का दिन पड़ रहा है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सम विषम योजना आज शुरू हो रही है। हम सभी हाथ मिलाएं और इसे सफल बनाने का संकल्प लें’।
मेट्रो में रात आठ बजे तक 16.38 लाख लोगों ने सवारी की जबकि औसत यात्रियों की संख्या 27 लाख होती है।
दिल्ली सरकार ने योजना के दूसरे चरण को निर्णायक बताया है और कहा कि योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दो हजार यातायात कर्मी, 580 अधिकारियों और पांच हजार से ज्यादा सिविल डिफेंस के वालंटियर को तैनात किया गया है। योजना का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियिम की संबंधित धाराओं के मुताबिक दो हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा और योजना को रविवार को लागू नहीं किया जाएगा। योजना के तहत विषम संख्या वाली कारों को विषम तारीख पर और सम संख्या वाली कारों को सम तारीख को चलने की अनुमति होगी।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 427 उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना किया जबकि ट्रैफिक पुलिस ने 884 वाहन चालकों पर जुर्माना किया। केजरीवाल ने कहा है कि योजना के प्रथम चरण का इच्छित प्रभाव नहीं हो सका क्योंकि इससे प्रदूषण में कमी नहीं आई लेकिन महानगर में यातायात के भीड़भाड़ में काफी कमी आई। बहरहाल उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हर महीने 15 दिनों के लिए इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि सम विषम योजना के दूसरे चरण का प्रभाव देखने के बाद इस बारे में कोई निर्णय किया जाएगा।
पहले चरण की योजना की तरह ही इसमें महिलाओं, आप सरकार को छोड़कर अन्य वीर्आपी और सीएनजी वाहनों को छूट दी गई है। इस बार स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चों की कारों को भी योजना से छूट हासिल है।