केजरीवाल सरकार के तमाम दावों के बावजूद राजधानी में नर्सरी एडमिशन को लेकर अभिभावक राहत नहीं महसूस कर रहे। अभिभावकों के बीच सबसे ज्यादा असमंजस सीटों की संख्या को लेकर है। छह जनवरी को सरकार ने मैनेजमेंट कोटा रद्द करने का फैसला किया था। लेकिन इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। अभिभावकों को अलग-अलग स्कूलों के फीस विवरण नहीं दिए जाने की भी शिकायत है।
पूर्वी दिल्ली के अल्कॉन पब्लिक स्कूल में एडमिशन फॉर्म लेने आए एक अभिभावक मनीष झा ने कहा, ‘ज्यादातर स्कूलों ने फीस की घोषणा नहीं की है। कुछ ही स्कूलों ने फीस का विवरण डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर दिया गया है’। अपने बेटे के एडमिशन के लिए आर्इं पल्लवी ने कहा कि सरकार ने मैनेजमेंट कोटा तो खत्म कर दिया है लेकिन स्कूलों ने वेबसाइट पर इस संबंध में अपडेट नहीं दिया है।
‘सिंगल चाइल्ड’ मापदंड के बारे में भी अभिभावकों को असमंजस है। मैनेजमेंट कोटा के मुद्दे पर अल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाध्यापक अशोक पांडे ने कहा, ‘प्रवेश मापदंड में पिछले साल की तुलना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जहां तक मैनेजमेंट कोटा का सवाल है मामला अभी अदालत के अधीन है’। इस स्कूल की0 वेबसाइट पर डिस्क्रेशनरी कोटा के तहत अभी भी 32 सीटें ही बताई जा रही हैं।
आॅल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्वाइंट सिस्टम का मतलब ही है दाखिले में भेदभाव। स्कूलों को अपना मापदंड तैयार करने का अधिकार देना ही उन्हें मनमानी की छूट देना है। मनीष झा ने कहा कि नर्सरी एडमिशन एक लॉटरी के समान हो गया है। अनिश्चितता की स्थिति यह है कि वे पूर्वी दिल्ली के 15-16 स्कूलों में फॉर्म भर रहे हैं। वहीं पल्लवी भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहतीं और 5-6 स्कूलों में प्रवेश फॉर्म भर रही हैं। नर्सरी में प्रवेश के लिए फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 22 जनवरी है। वहीं पंजीकृत अभ्यर्थियों की पहली सूची 30 जनवरी को जारी होगी और पहली चयन सूची 15 फरवरी को जारी होनी है।