पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) नीति को राज्य की जनता किसी हालत में स्वीकार नहीं करेगी। यह बंगाल को बांटने की कोशिश है। ऐसी नीतियां समाज को तोड़ती हैं। केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बंगाल में विभाजनकारी एनआरसी नीति को थोपने की कोशिश की गई तो उसका जोरदार विरोध किया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया उत्तरी कोलकाता के सिंथी मोड़ से श्यामबाजार तक एक जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं। इस दौरान कहा कि बंगाल को बांटने का मतलब देश को बांटना होगा, क्योंकि राज्य की परंपराएं देश की सामूहिक परंपरा का हिस्सा हैं। मैं मर भी जाऊंगी तब भी हमारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इसे लागू नहीं होने देगी। राज्य की जनता एकजुट है और वह ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम करने में सक्षम है।
आग से खेलने पर केंद्र को कड़ी चेतावनी : उन्होंने कहा कि आप बंगाल की संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। आप हमें झुका नहीं सकते हैं। जय हिंद, जय बंगाल हमारा नारा है। मुख्यमंत्री ने आग से खेलने पर केंद्र को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि एक आंदोलन शुरू करने का यही वक्त है। यहां की जनता केंद्र की सरकार को बता देगी कि वह अपनी संस्कृति को नष्ट नहीं होने देगी।
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आसाम में एनआरसी का किया विरोध : इससे पहले असम में केंद्र की एनआरसी नीति का विरोध करते हुए टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने कहा कि उस नीति को पश्चिम बंगाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले को राज्य की विधानसभा में भी उठाया गया था। जनता में इसे लेकर जबरदस्त गुस्सा है। यहां की भाईचारा और मिलजुलकर रहने की नीति को कोई तोड़ नहीं सकता है।
बीजेपी ने कहा दो करोड़ लोग बाहर होंगे : भारतीय जनता पार्टी राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) नीति को लागू करने की लगातार मांग करती रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि बंगाल में इसके लागू होने के बाद दो करोड़ अवैध नाम बाहर होंगे। नागरिकता का मुद्दा आने वाले दिनों में बंगाल की राजनीति को पुनर्गठित करेगी।