परिवहन विभाग और यातायात पुलिस एक बार फिर ‘नो हेलमेट नो फ्यूल’ अभियान को सफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस अभियान की शुरूआत 26 जनवरी को हुई थी, लेकिन तब यह एक माह बाद ही फीका पड़ गया था। अब अभियान को दोबारा एक सितंबर से शुरू किया गया है और 30 सितंबर तक इसे चलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा बढ़ाना और हेलमेट पहनने की आदत डालना है, ताकि सड़क हादसों को कम किया जा सके। हालांकि, दोबारा शुरू हुए अभियान के पहले दिन सोमवार को गौतम बुद्ध नगर के पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को आसानी से ईंधन मिलता रहा।

आंकड़े बताते हैं कि अभियान की शुरूआत के बाद से स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। जनवरी से लेकर अब तक कुल 16 लाख वाहनों के चालान किए गए हैं, जिनमें से 9 लाख चालान बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों के हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब लोग बिना हेलमेट के पेट्रोल ले रहे हैं तो इस बार कैसे उन्हें रोकने की कोशिश की जाएगी। अधिकारियों ने पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठकें की हैं और उन्हें नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही दिखाई दे रही है। लोग बना हेलमेट के पेट्रोल भरवाने आ रहे हैं।

बिना हेलमेट वाले मोटरसाइकिल सवारों की लंबी कतार

इस अभियान को लेकर उप संभागीय परिवहन अधिकारी सियाराम वर्मा ने बताया है कि अभियान को सफल बनाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। पांच अधिकारियों की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है जो लोगों को समझाने का काम कर रही है।

नोएडा: पब और बार में सस्ती शराब पर रोक, आबकारी विभाग ने जारी किया आदेश

गौतम बुद्ध नगर के एक पेट्रोल पंप पर जांच के दौरान बिना हेलमेट वाले मोटरसाइकिल सवारों की लंबी कतार दिखी। उन्हें बिना किसी रोक-टोक के पेट्रोल दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अभियान को सड़क सुरक्षा के लिए शुरू किया था। पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने अपनी गलती मानी। उन्होंने आगे से नियमों का पालन करने का वादा किया। बिना हेलमेट पेट्रोल लेने आए मोटरसाइकिल चालकों ने भी अपनी गलती स्वीकार की।