पार्टी इस हार के बाद चाहे कुछ भी मंथन करने और आगे जी तोड़ मेहनत करने की बात कहती हो, लेकिन कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व का निगम चुनाव से किनारा करना और संसाधनों का अभाव भी परिणाम का एक कारण माना जाता है। बैनर, पोस्टर, झंडा इत्यादि उम्मीदवार को खुद की हैसियत से ही लगाना पड़ा। जहां उम्मीदवार आर्थिक रूप से कमजोर थे, वहां तो इन मूलभूत चीजों को भी नाम मात्र देखा गया।

कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम हमेशा मुसलिम मतदाता के हाथों होता है। जिस आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता पर एक बहुमत से कई गुणा विधायक लेकर नाम मात्र के विपक्षी विरोध पर शासन किया है उसका एक कारण कांग्रेस का परंपरागत मुसलिम मतदाता का आप के पक्ष में एक स्वर से मतदान करना भी प्रमुख कारण है। इसके अलावा कांग्रेस के कुछ कद्दावरों का अंतिम समय में पार्टी छोड़कर भाजपा और आप में जाना भी पार्टी के नुकसान का कारण बना है।

इस बार पार्टी को उम्मीद थी कि मुसलिम बहुल इलाकों सहित दिल्ली के सभी मुसलिम मतदाताओं में पार्टी के प्रति एक बार फिर आकर्षण होगा, लेकिन ऐसा पूरी तरह से नहीं हो सका। जहां मुसलिम मतदाताओं को लगा कि उनके क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नहीं जीत रहे हैं, उस सीट पर उन्होंने आप को सीधे तौर पर मतदान कर कांग्रेस को झटका दे दिया।

युवाओं को आगे लाना होगा : अजय कुमार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी अजय कुमार मानते हैं कि युवाओं को आगे आने के लिए पार्टी में जगह खाली करनी पड़ेगी। उनका कहना है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा पार्टी से जोड़ा जाए। परिणाम के बाद यह लगता है कि हमारी चूक हुई है। हम जनता से सीधा संवाद करने में पूरी तरह सफल नहीं रहे। इसलिए युवाओं को आगे लाने के लिए कालेज के छात्र-छात्राओं को पद देते हुए आगे लाना पड़ेगा।

जीतने वाले नौ उम्मीदवारों में से सात मुसलिम

निगम चुनाव में कांग्रेस ने महज जिन नौ वार्डों पर जीत दर्ज की है, इसमें भी गौर करने वाली बात यह है कि इन नौ में से सात मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं। कांग्रेस से जीते मुस्लिम पार्षदों में मुस्तफाबाद वार्ड 243 सबीला बेगम, बृजपुरी वार्ड 245 नाजिया खातून, कबीरनगर वार्ड 234 जरीफ, चौहान बांगर वार्ड 227 शगुफ्ता चौधरी ज़ुबैर, शास्त्री पार्क वार्ड 213 समीर अहमद, जाकिर नगर वार्ड 189 नाजिया दानिश और अबुल फजल एन्केल्व वार्ड 188 अरीबा खान शामिल हैं। इसके अलावा जिन दो उम्मीदवारो ने जीत दर्ज की है उनमें आया नगर वार्ड 234 से वेदपाल शीतल चौधरी और निहाल विहार वार्ड 47 से मंदीप सिंह शामिल हैं।

बारह उम्मीदवारों ने दी कड़ी टक्कर

निगम चुनाव में कांग्रेस के केवल नौ प्रत्याशी जीते, लेकिन 12 उम्मीदवारों ने दूसरे स्थान पर लाकर कड़ी चुनौती भी दी है। इन उम्मीदवारों में दरियागंज से पूर्व महापौर फरहाद सूरी, सुल्तानपुरी से पांच बार के कांग्रेस विधायक रहे जयकिशन की पुत्रवधु बरुणा ढाका, जामा मस्जिद से सुल्ताना आबाद, मादीपुर से संत प्रकाश गंगवाल, कुंवरसिंह नगर से कृष्णा, सीताराम बाजार से सीमा ताहिरा, मौजपुर से विनोद कुमार शर्मा, गौतमपुरी से मोहम्मद रियासत, भाटी से पूर्व विधायक बलराम तंवर के बेटे जोगेंद्र तंवर, नेहरू विहार से अलीम, चांदनी महल से मोहम्मद हमीद और समयपुर बादली से सीमा यादव शामिल हैं।