Prashant Kishor Bihar Polls: बिहार चुनाव को लेकर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। प्रशांत किशोर ने NDTV की दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार चुनाव से पहले किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया और चुनाव के बाद भी नहीं करेगी। एक सवाल के जवाब में पीके ने कहा कि मुझे दो संभावनाएं नज़र आ रही हैं। लोगों ने जन सुराज को एक विकल्प के रूप में देखा है, लंबे समय से चली आ रही निराशा के दौर को देखते हुए लोगों को विश्वास की एक छलांग की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज या तो 10 से कम या 150 से ज़्यादा सीटें जीतेगी।
यह पूछे जाने पर कि अगर चुनाव के बाद जन सुराज किंगमेकर बनकर उभरता है, तो क्या वह अन्य दलों के साथ गठबंधन कर सकते हैं। पीके ने कहा, “हम इस पार और उस पार की राजनीति नहीं करते। अगर जनता हमें जनादेश नहीं देती, तो हम अपना काम जारी रखेंगे। मैं आपको लिखित में दे सकता हूँ, न तो चुनाव से पहले गठबंधन, न ही चुनाव के बाद।”
पीके से पूछा गया कि अगर नतीजों में खंडित जनादेश या त्रिशंकु विधानसभा आती है, तो क्या वे गठबंधन पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा, “अगर ऐसी स्थिति आती है कि हमारे बिना सरकार नहीं बन सकती, तो मुझे पता है कि लोग पाला बदलेंगे। मैं उन्हें रोक नहीं पाऊँगा।” किशोर ने इसके लिए “लक्ष्मी (धन) के लालच और (केंद्रीय एजेंसी) सीबीआई के डर” को ज़िम्मेदार ठहराया।
प्रशांत किशोर ने कहा, “मान लीजिए, अगर जन सुराज के 30 विधायक हों और ये 30 ही सरकार बनाने की कुंजी हों, तो क्या विधायक मेरी बात मानेंगे? लेकिन मैं कह सकता हूँ कि मैं फिर भी ईमानदार रहूँगा।” भाजपा पर परोक्ष रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “अमित शाह से भी लिखवा लीजिए कि अगर एनडीए बहुमत से पीछे रह जाता है, तो किसी भी विधायक को न तो खरीदा जाएगा और न ही उन पर दबाव डाला जाएगा। आप पूछ रहे हैं कि क्या हम नहीं बेचेंगे, तो उनसे पूछिए जो खरीदेंगे।”
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इससे पहले, किशोर से एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में उनके अनुभव और चुनाव लड़ना और दूसरों को लड़ाने में क्या अंतर है, इस बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, “यहाँ भी मैं दूसरों को लड़ा रहा हूँ। बस फर्क इतना है कि मैंने इसे अंजाम देने के लिए एक नई रणनीति बनाई है। पहले मैं तैयार रणनीति के साथ काम करता था।”
जब आम आदमी पार्टी (आप) के अरविंद केजरीवाल का उदाहरण दिया गया, जिन्होंने 2013 के दिल्ली चुनावों में मौजूदा मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था, तो प्रशांत किशोर ने जवाब दिया, “यह अच्छा है कि आप कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल और मैं अलग हैं, हमारी राजनीति अलग है। इसके अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री चुनाव नहीं लड़ रहे हैं; शीला दीक्षित चुनाव लड़ रही थीं। अगर मैं तेजस्वी (राघोपुर में) के खिलाफ चुनाव लड़ता, तो कोई कहता कि मैं एक पिछड़े नेता के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।
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