रविवार को देर शाम अपराधी किशोर की रिहाई की खबर आग की तरह फैली कि 16 दिसंबर की घटना के दोषी किशोर को रिहा कर दिया गया है और उसे एक अज्ञात स्थान पर किसी एनजीओ की देखरेख में भेज दिया गया। अब वह पुलिस की निगरानी में नहीं रहेगा। रिहाई की खबर फैलने के बाद पीड़ित परिजनों सहित काफी संख्या में लोग इंडिया गेट की ओर बढ़े। पुलिस ने उन्हें इंडिया गेट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी। पुलिस ने सभी को घर लौटने को कहा।

पीड़ित के परिजनों ने कहा कि हमें प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दी जा रही है। यह हमारे प्रदर्शन करने या असहमति जताने के अधिकार का हनन है। पुलिस ने इंडिया गेट पर धारा 144 लगा दी है। लोगों को वहां न जुटने की हिदायत दी गई। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों के चलते इंडिया गेट और राजपथ से प्रदर्शनकारियों को हटाया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को संसद मार्ग थाने ले गई। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर विरोध कर सकते हैं। उसके बाद लोग रिहाई के खिलाफ और उसे मौत की सजा दिए जाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ लगातार दूसरे दिन जंतर-मंतर पर जुटे। निर्भया के माता-पिता भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध के लिए पहुंचे। रिहाई का विरोध कर रहे लोगों ने केजरीवाल के विरोध में नारे लगाए।

किशोर अपराधी की रिहाई के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार के असहाय दिखने पर पीड़िता के पिता ने भी नाखुशी जाहिर की। उनका कहना था कि अगर मामला अपवाद जैसा था तो कानून में भी अपवाद कायम किया जाना चाहिए। कई लोगों ने देश की महिलाओं के लिए यह बहुत दुखद दिन बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली तक में लोगों को अपराध करने से डर नहीं लगता। उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल, पुलिस और समाज से हालात सुधारने के लिए मिलकर काम करने का अनुरोध किया।

घटना को अंजाम देने वाले छह अपराधियों में से कथित रूप से सबसे नृशंस तरीके से अपराध को अंजाम देने वाले किशोर दोषी को रिहा किए जाने पर जन समूह ने कहा कि वह शहर के लिए खतरा है। सड़कों, शिक्षण संस्थानों, कार्यस्थलों और घरों पर महिलाएं तथा लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। मौजूदा ‘कानून’ पर सरकार की विवशता का हवाला देकर जब प्रदर्शनकारियों से मीडिया ने रिहाई को जोड़ा तो लोगों ने गुस्से के साथ तर्कों का इजहार करते हुए कहा कि सब जानते हैं कि उसे रिहा किया जाना जब तय था तो पिछले तीन साल में ही उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

क्यों नहीं उठाए कदम सरकार ने? प्रदर्शनरत बुद्धिजीवियों ने कहा कि अब व्यस्क हो चुके इस अपराधी के जान को खतरा बताया जा रहा है, उसके रखे गए स्थान और देख रेख करने वाले संगठन का नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि वह खुद समाज के लिए खतरा है।

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