नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने आज अपने एक अहम फैसले में यह निर्देश जारी किए हैं कि सभी उत्तर भारतीय राज्यों में प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए अब केंद्रीय और राज्यों के स्तर पर निगरानी कमिटियां बनाई जाएंगी। इन कमिटियों की साल में हर दो महीने पर एक बार बैठक होने की बात चल रही है जो बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर अपनी नजर रखेंगी। इसके अलावा एनजीटी ने 4 राज्यों हरयाण, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान से 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को बंद करने पर विचार करने को कहा है। साथ ही एनजीटी ने पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों को मुफ्त बिजली देने के फैसले को वापस लेने पर विचार करने को भी कहा है। दिवाली के बाद से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण की मात्रा में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। आम तौर पर पीएम 2.5 की मात्रा 251 और पीएम 10 की मात्रा 431 मिजी पर क्युबिक मीटर तक रहे तो यह स्थिति कम नुकसान पहुंचाने वाली होती, लेकिन दिवाली के बाद इनकी मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई थी।

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दिल्ली सरकार ने भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कई कदम उठाएं हैं। शहर में अलग-अलग जगहों पर क्रेन की मदद से पानी की बारिश भी की गई थी जिससे कि हवा में मौजूद धूल के कण जमीन पर आ जाएं। इसके अलावा कुछ दिनों के लिए पावर जेनरेटर्स चलाने पर भी लोक लगाई गई है। एनजीटी प्रदूषण के मामले को लेकर काफी सख्त है और कई बार दिल्ली सरकार को फटकार लगा चुका है।