इस साल जाड़ों में बीएसइएस के 35 लाख उपभोक्ताओं को और बेहतर बिजली आपूर्ति देने के लिए बीएसइस एक अमेरिकन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने जा रही है। इस साफ्टवेयर से पता चल जाएगा कि सप्ताह भर बाद पूर्वी, मध्य, दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में बिजली की मांग कितनी बढ़ेगी। सॉफ्टवेयर की मदद से समय से पहले ही पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की जा सकेगी।
अब तक विकसित देशों में ही बिजली की मांग का पूर्वानुमान लगाने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल होता था। लेकिन अब इस अंतरराष्ट्रीय तकनीक का फायदा बीएसइएस के 35 लाख उपभोक्ताओं यानी दिल्ली के करीब सवा करोड़ लोगों को भी होगा। इस तकनीक की सहायता से बीएसइएस अपने क्षेत्र में बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा कर पाएगी और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी।
बता दें कि इस साल सर्दियों में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 4500-4600 मेगावॉट रहने की उम्मीद है। बीआरपीएल इलाके में इन सर्दियों में बिजली की अधिकतम मांग 1955 मेगावॉट और बीवाइपीएल में 950 मेगावॉट रहने का अनुमान है। बीएसइएस राजधानी पॉवर लिमिटेड और बीएसइएस यमुना पावर लिमिटेड ने सर्दियों में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। लंबी अवधि के लिए बिजली खरीद समझौतों के अलावा, बीएसइएस को पॉवर बैंकिंग के माध्यम से भी पर्याप्त बिजली मिलेगी।
सर्दियों के अलावा, बीआरपीएल और बीवाइपीएल ने अभी से ही गर्मिर्यों की तैयारियां भी शुरू की दी हैं। दोनों कंपनियां सर्दिर्यों के दौरान जम्मू-कश्मीर को 100-100 मेगावॉट बिजली दे रही हैं। जम्मू-कश्मीर यह बिजली अगले साल मई से सितंबर के बीच बीआरपीएल और बीवाइपीएल को वापस करेगा। पॉवर बैंकिंग के तहत दी जा रही इस बिजली का फायदा बीएसइएस उपभोक्तों को गर्मियों में मिलेगा।