दिल्ली के शाहीन बाग में आज नगर निगम बुलडोजर लेकर पहुंचा था, ताकि अवैध अतिक्रमण को हटाया जा सके। लेकिन बुलडोजर पहुंचने के बाद स्थानीय नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय नागरिकों के प्रदर्शन के बाद बुलडोजर कार्रवाई नहीं हो पाई और एमसीडी की टीम को वापस लौटना पड़ा। लोगों ने एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी भी की।

बुलडोजर कार्रवाई पर एक निजी मीडिया चैनल ने स्थानीय नागरिकों से बातचीत की। इस दौरान तनवीर अहमद खान नाम के व्यक्ति ने कहा, “ये कुछ नहीं है बस सरकार लोगों में दहशत फैलाने की कोशिश कर रही है, खासकर अल्पसंख्यक समाज के लोगों में। हम सरकार से डरते नहीं हैं लेकिन हम कानून के दायरे में काम करना चाहते हैं। बुलडोजर दिखाकर अल्पसंख्यक इलाकों को टारगेट किया जा रहा है, वो देश का माहौल ख़राब करना चाहते हैं। ये भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की सोच है।”

बुलडोजर कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी से पूछा कि जब सुनवाई का समय तय है, तो बुलडोजर क्यों पहुंचा? वहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सीपीआईएम की याचिका खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने सीपीआईएम को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान भी पहुंचे और कहा कि बीजेपी सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम करना चाहती है।

अमानतुल्लाह खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरे अनुरोध पर लोगों ने पहले ही अतिक्रमण हटा लिया है। यहां की एक मस्जिद के बाहर वजू खाना और शौचालय को पहले ही पुलिस की मौजूदगी में हटाया गया था। मैंने खुद अपनी जेसीबी लगवाकर हटवाई थी। अगर कहीं अतिक्रमण है तो बता दें मैं हटा लूँगा, ये राजनीति क्यों कर रहे हैं? जब अतिक्रमण ही नहीं है तो वे यहां क्यों आए हैं? सिर्फ राजनीति करने के लिए?”

बता दें एमसीडी दिल्ली में अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रही है और ये अभियान 3 मई से 13 मई तक चलेगा। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने स्वयं ही एमसीडी को पत्र लिखकर ये अभियान चलाने के लिए कहा था।