वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश में पेट्रोल के दाम 78 बार और डीजल के दाम 76 बार बढ़ाए गए। जबकि इस दौरान पेट्रोल के दाम केवल सात बार घटे और डीजल के 10 बार। पेट्रोल के मामले में 280 दिन ऐसे रहे जब कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं डीजल के मामले में 279 दिन इस श्रेणी में रहे जब दाम नहीं तब्दील हुए।
मोदी सरकार से पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव को लेकर आप सांसद राघव चड्ढा ने सवाल पूछा था। उनका सरकार से सवाल था कि कितनी बार 2021-22 के दौरान पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए। 2016 के बाद से इस मद में सरकार ने कितना राजस्व एकत्र किया। आप सांसद का आरोप है कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम अपनी सहूलियत से बढ़ा देती है। वैश्विक बाजार में दाम कम हो तो भी भारत में बढ़ोतरी होती है।
संसद के मानसून सत्र में राघव चड्ढा ने पहले भी सरकार से पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी को लेकर सवाल पूछा था। केंद्र सरकार का जवाब था कि उसने इस मद में पिछले छह सालों में 16 लाख करोड़ रुपये कमाए। राघव चड्ढा ने कहा कि सरकार ने इन पैसों का इस्तेमाल बड़े उद्योगपतियों के कर्ज को चुकाने के लिए किया। उन्होंने कहा कि अगर आप भारत के कई राज्यों के बजट को मिला भी लें तो यह शायद 16 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार नहीं करेगा।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश में पेट्रोल के दाम 78 बार और डीजल के दाम 76 बार बढ़ाए गए pic.twitter.com/g9Jp10s9hX
— News24 (@news24tvchannel) July 25, 2022
कच्चे तेल के दामों में बीते सप्ताह गिरावट हुई थी। लेकिन हमारे देश में पिछले तकरीबन एक महीने से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर हैं। केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी में थोड़ी राहत दी थी। सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम की थी। इसके बाद पेट्रोल 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। लेकिन जिस तरह से कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं उसे देखते हुए तेल कंपनियों ने कोई कदम नहीं उठाया जिससे महंगाई में पिस रहे आम आदमी को राहत मिल सके।
चार महानगरों की बात करें तो आज के दिन दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। जबकि मुंबई में पेट्रोल 106.35 रुपये और डीजल 94.28 रुपये है। चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये की दर से मिल रहा है जबकि कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है।