कहा जाता है कि महिलाएं किसी भी काम में अब पुरुषों से पीछे नहीं है। वह हर काम पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कर सकती है और उनसे कही बेहतर ढ़ंग से कर सकती है। इस बात को सच कर दिखाया है 50 साल की एक महिला मैकनिक ने। दिल्ली के बाहरी इलाके में नेशनल हाइवे 4 पर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर डिपो है जहां आपको शांति देवी ट्रकों के बीच काम करती दिख जाएंगी। रिपोर्ट के मुताबिक शांति इस उम्र में भी एक दिन में 12 घंटे काम करती हैं। वह आठ बच्चों की मां हैं। पूरे हफ्ते बिना रुके और बिना थके काम करने वालीं शांति देवी को शायद अंदाजा नहीं हो कि वह भारत की पहली महिला मैकेनिक है।
शांति देवी के वर्कशॉप के साथ एक टी स्टॉल भी है। जिसको वह अपने पति रामबहादुर के साथ चलाती है। उनका कहना है कि वह जो कर रही है उससे खुश हैं। शांति देवी और उनकी पत्नी 20 साल से ज्यादा समय से दिल्ली में रह रहे हैं। वह मध्य प्रदेश से यहां आए थे। गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू में शांति देवी ने बताया था कि उन्हें अपने काम से प्यार है। मेरा काम कठिन है लेकिन मैं कभी इससे बोर नहीं होती, हां अगर मैं घर पर बैठ जाऊंगी और कुछ नहीं करूंगी तो जरुर बोर हो जाऊंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जब लोग कहते हैं कि वह भारत की एकमात्र महिला मैकेनिक है तो उन्हें इस बात पर गर्व होता है।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने भी शांति देवी की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- ‘हम सब सुनते हैं कि महिलाओं को कौन-कौन से काम करने चाहिए लेकिन 55 साल की शांति देवी ने उन सभी नॉर्म्स को तोड़ दिया है और वह ट्रक मैकेनिक के रूप में काम कर रही है। लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए हमें शांति देवी जैसी और साहसी महिलाओं की जरूरत है। उनका साहस प्रशंसा करने योग्य है।
We often hear norms about what jobs women should do, but 55 year old Shanti Devi has defied all norms & is working as a truck mechanic. /1 pic.twitter.com/K78mS15oHt
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) November 3, 2016
Shanti Devi works as a mechanic on the outskirts of Delhi at one of the largest truck stopovers in Asia-AW-7, SGTN Depot./2 #EmpoweredWomen
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) November 3, 2016
We need more gutsy women like Shanti Devi who can end the gender discrimination. Kudos to her courage. /3
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) November 3, 2016
