दिल्ली सरकार के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना के तेवर खासे आक्रामक हैं। दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद उन्होंने एक और जांच का आदेश दिया है। ब्लैक लिस्टेड फर्म का फेवर करने और मोनोपली को बढ़ावा देने के मामले में LG ने मुख्य सचिव से जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह एक्शन एक संगठन की ओर से की गई शिकायत के बाद लिया गया है। शिकायत में आरोप है कि शराब लाइसेंस बांटने में गंभीर अनियमितताएं बरती गई हैं। शिकायत में कहा गया है कि यह काम नई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 का जानबूझकर और पूर्व नियोजित उल्लंघन करते हुए किया गया।
न्यायविदों व वकीलों के संगठन की शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर गुटबंदी को बढ़ावा दिया। सरकार की मनमानी नीति से दिल्ली में शराब के व्यापार में एक घोटाला हुआ और सरकारी खजाने को भारी नुकसान।
आरोप है कि आप सरकार ने दिल्ली में शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्टेलिज़ेशन को बढ़ावा देने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। लाइसेंसधारियों को 144.36 करोड़ रुपये से अधिक की छूट दी गई। जबकि एक कंपनी की 30 करोड़ रुपये का एडवांस वापस कर दिया गया।
उधर बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने आबकारी नीति में नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किए जाने के विरोध में सोमवार को प्रदर्शन किया और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को शिकायत देकर जांच की मांग की है।
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि मनीष सिसौदिया को अरेस्ट करने के लिए बीजेपी ये सारा षडयंत्र कर रही है। बीजेपी को सावरकर की औलाद बताकर दिल्ली सीएम ने कहा कि वो इन लोगों से नहीं डरने वाले हैं। वो डटकर इस तरह की ताकतों का मुकाबला करेंगे।