दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ अपनी सरकार की खींचतान सहित कई मुद्दे मोदी के समक्ष उठाए। इसके साथ ही केजरीवाल ने केंद्र से राजनीतिक विचारधाराओं में मतभेद पर ध्यान दिए बिना सहयोग का अनुरोध भी किया।
मोदी के साथ मुलाकात के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी केजरीवाल के साथ थे। केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के उनकी सरकार के खिलाफ होने का मसला भी उठाया। उन्होंने दिल्ली भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो की नियुक्ति को लेकर विवाद का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा- हमने प्र्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनसे कहा कि दिल्ली के विकास और उसके लोगों के फायदे के लिए, केंद्र और राज्य सरकार को मिल कर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा- लेकिन यह महत्त्वपूर्ण है कि दोनों सरकारों की राजनीतिक विचारधाराओं को कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मैंने उनसे (मोदी) कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो कितनी बार राज्य सरकार के आदेशों को राज्यपाल ने अमान्य घोषित किया। उस समय केंद्र में कांग्रेस सत्ता में थी लेकिन कितनी बार सरकार ने उनके आदेशों को अमान्य घोषित किया? एक भी उदाहरण नहीं है।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप का हाल के महीनों में उपराज्यपाल के साथ शक्ति संघर्ष होता रहा है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के साथ युद्धरत है और वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। जब यहां ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल हुई थी तो पुलिस प्रयास कर रही थी कि प्रदर्शन में तेजी आए।
केजरीवाल ने कहा कि उनका ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि किस प्रकार एक के बाद एक विधायक को गिरफ्तार किया जाए। अगर पुलिस स्वयं ही समस्याएं पैदा करेगी तो अराजक स्थिति बन जाएगी और अपराध दर में वृद्धि होगी। एसीबी प्रमुख की नियुक्ति की चर्चा करते हुए केजरीवाल ने कहा- मैंने उनसे कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो आठ जून के पहले ठीक ठाक काम कर रहा था और उसके बाद एक भ्रष्ट अधिकारी को एसीबी प्रमुख के रूप में भेज दिया गया।
उन्होंने कहा- मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि हम स्वच्छ भारत, कौशल विकास और डिजिटल इंडिया के आपके सपनों को पूरा करेंगे। हम कार्य करेंगे और आप जब विदेश जाएंगे तो आपको प्रसिद्धि मिलेगी। हम वह सब करेंगे लेकिन हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। सूत्रों के मुताबिक बहुप्रतीक्षित बातचीत में केजरीवाल ने विकास परियोजनाओं के लिए भूमि की कमी और नौकरशाहों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर भी चर्चा की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री पिछले कुछ समय से मोदी से मिलने का प्रयास कर रहे थे। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उन्होंने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था लेकिन समय नहीं मिला। केजरीवाल ने जून में एक खुले पत्र में मोदी से दिल्ली की गिरती कानून व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाने या पुलिस का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप देने की अपील की थी। मुख्यमंत्री ने मोदी से मिलने की उस समय भी इच्छा व्यक्त की थी जब मोदी ने इसी महीने उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी थीं।