दिल्ली पुलिस के एक जवान को घूसखोरी में तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। इस जवान को व्यक्ति से उसकी जब्त कार छोड़ने के लिए 10 हजार रुपए रिश्वत लेने का दोषी पाया गया। अदालत ने कहा कि उसके कृत्यों ने पुलिस में समाज के विश्वास को कमजोर किया है और पुलिस को बदनाम किया है।
विशेष सीबीआइ न्यायाधीश बृजेश कुमार गर्ग ने देव राज को जेल भेज दिया। 2013 में जब रिश्वत का मामला हुआ तब देव राज दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल था। जज ने कहा कि उस पद पर रहते हुए उस पर कानून का शासन बरकरार रखने की अधिक जिम्मेदारी थी। जज ने कहा कि देवराज दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के तौर पर कार्यरत था।
इसलिए उस पर कानून का शासन बनाए रखने की अधिक जिम्मेदारी थी।
यद्यपि उसके कृत्यों ने पुलिस अधिकारियों में समाज के विश्वास को कमजोर किया है २२२२२और पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। अभियोजन के मुताबिक, 20 अगस्त 2013 को सिंह की कार को ट्रैफिक पुलिस ने जब्त किया था और उसे यहां कंझावाला पुलिस थाने में जमा कराया गया। पुलिस ने सिंह की कार तब जब्त की थी जब उसके मित्र और पुलिस के बीच झगड़ा हुआ था।