दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह (Convocation Ceremony) को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही सरकारी व्यवस्था को बदल दी है और अब सरकारी सेवाएं पिच्चा की लोगों के घर तक पहुंचती हैं। अंग्रेजों ने यह व्यवस्था हमें तंग करने के लिए बनाई थी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अब अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। डिग्री लेकर युवा नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाते हैं।
केजरीवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “पूरी सरकारी व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है। अंग्रेजों ने यह व्यवस्था हमें तंग करने के लिए बनाई थी। हमने पूरा सिस्टम बदल दिया, अब एक फोन कॉल पर पिज्जा की तरह गवर्मेंट सर्विसेज भी लोगों के डोरस्टेप तक पहुंच जाती है।”
केजरीवाल ने शिक्षा व्यवस्था को लेकर कहा, “हमारे देश में अंग्रेजों की बनाई हुई शिक्षा व्यवस्था आज भी चली आ रही है। युवा डिग्री लेकर नौकरियों के लिए दर-दर की ठोकरें खाता है। हमने दिल्ली में एक साइलेंट रिवॉल्यूशन(Silent Revolution)शुरू किया है, जिसमें हम बच्चों को नौकरी ढूंढने वाला नहीं नौकरी देने वाला बना रहे हैं।”
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ है। यहां कि सरकार स्कूलों में एक डेस्क पर जज और रिक्शा वाले के बच्चे बैठकर पढ़ते हैं। यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। स्कूलों में छात्रों को नौकरी मांगने की जगह नौकरी देने वाले की तरह तैयार किया जा रहा है। बिजनेस ब्लास्टर कार्यक्रम के तहत 11वीं और 12वीं के बच्चों को दो हजार रुपये दिया जा रहा, ताकि वे बिजनेस करने का आइडिया सोचें। वो बिजनेस शुरू करते हैं और फिर अमीर बिजनेस मैन के सामने अपनी आइडिया रखते हैं। फिर उन्हें प्रायोजक मिलता है।
केजरीवाल ने अपने संबोधन की शुरुआत में छात्रों को बधाई दी और कहा की आज का दिन आप सभी लोगों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आज का दिन सभी की जिंदगी में महत्वपूर्ण होता है। मुझे भी याद है जब मुझे ये डिग्री मिली थी। जिंदगी भर ये दिन याद रहता है। आज एक तरह से जिंदगी का एक फेज पूरा हुआ और आप दूसरे फेज में इंटर कर रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी छात्रों के जो भी सपने हैं। उन्होंने जो अपनी जिंदगी बारे में सोचा है वो पूरे हों। सब लोग तरक्की करें। खूब आगे बढ़ें। अपने लिए भी तरक्की करें, देश के लिए भी तरक्की करें, समाज के लिए भी तरक्की करें। “