महा विकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं के सार्वजनिक रूप से विरोधाभास वाली बयान देने से नाराज राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता शरद पवार ने शिव सेना (यूबीटी) के मुखिया उद्धव ठाकरे से कहा कि सभी तीनों मुख्य दलों के नेताओं को जनता के सामने एक स्वर में बोलना चाहिए।पवार मंगलवार शाम मुंबई में सिल्वर ओक स्थित अपने आवास पर ठाकरे से मुलाकात में यह बात कही। पवार ने संकेत दिया कि वह राज्यवार होने वाली एमवीए की रैलियों में भी शामिल होंगे।
अलग-अलग बयानों से जनता में भ्रम की स्थिति
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “एनसीपी नेता ने कहा कि तीनों दलों का अपना एजेंडा और अपनी योजना और नीतियां हो सकती हैं, लेकिन जब वे लोगों के सामने जाते हैं तो उन्हें एमवीए नेता के रूप में एक आवाज और एक भाषा में बोलना चाहिए। अगर हम लोगों के सामने अपने अलग-अलग विचार रखेंगे तो वे भ्रमित होंगे और यह एमवीए के लिए बुरा प्रचार होगा।”
राउत ने कहा कि सेना चीफ पवार के विचारों से सहमत हैं और अपने विचार सार्वजनिक रूप से न रखने, और भ्रम पैदा करने और भाजपा को उन्हें पटकनी देने के बारे में चर्चा करने की जरूरत पर बल दिया। राउत ने कहा, ‘हम भी एनसीपी प्रमुख की तरह ही विचार रखते हैं।’
हाल के दिनों में अडानी समूह और हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर द्वारा कथित कदाचार की जांच की मांग जैसे विभिन्न मुद्दों पर एमवीए पार्टियां आपस में भिड़ गई हैं। अडानी मुद्दे पर पवार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच का विरोध किया था, जबकि कांग्रेस ने जेपीसी का समर्थन किया था। सावरकर के मुद्दे पर शिवसेना और राकांपा ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की, जबकि कांग्रेस ने हिंदुत्ववादी विचारक पर माफी मांगने और खुद को जेल से रिहा कराने के बाद अंग्रेजों के हित में काम करने का आरोप लगाया।
मंगलवार को जब पवार और उद्धव मिले तो एनसीपी की सुप्रिया सुले और खुद राउत मौजूद थे। उन्होंने डेढ़ घंटे तक चर्चा की। राउत ने कहा, “एमवीए पार्टियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एनसीपी प्रमुख और उद्धव ठाकरे ने हमेशा एक दूसरे के साथ संवाद किया है। बैठक इसी सोच के तहत हुई थी।”