राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने गुरुवार को कहा कि यदि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को यह भरोसा है कि मुंबई का अगला मेयर उनकी पार्टी का होगा, तब उन्हें सिविक इलेक्शन तत्काल कराए जाने के लिए जोर देना चाहिए। उनकी दो दिवसीय महाराष्ट्र यात्रा के पहले दिन नड्डा ने बुधवार को भाजपा से सामूहिक प्रयास का आह्वान किया ताकि अगला मेयर उनकी ही पार्टी का हो। वह मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

भाजपा या तो चुनाव कराये या फिर मानें कि वह डरती है

उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी प्रवक्ता क्लाइडे क्रेस्टो (Clyde Crasto) ने कहा, “यदि जेपी नड्डा को मुंबई का अगला मेयर भाजपा से होने का इतना ही भरोसा है तो उन्हें बीएमसी का चुनाव तुरंत कराने के लिए आवाज उठानी चाहिए। अन्यथा यह साबित होगा कि उन्हें चुनावों में जाने से डर लगता है और मुंबई में उन्होंने जो कुछ कहा वह सिर्फ गलत ढंग से चुनाव जीतने के लिए एक धारणा बनाना भर था।”

उन्होंने कहा कि नड्डा को अच्छी तरह पता होना चाहिए कि मेयर होने के लिए उन्हें पहले बीएमसी का चुनाव लड़ना होगा, जिससे उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार बचने की कोशिश कर रही है। क्योंकि महाराष्ट्र भाजपा के एक आंतरिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि अगर आज चुनाव हो जाए तो वे हार जाएंगे। वे बोले, “इसके अलावा, एकनाथ शिंदे को सत्ता में रखने का भी कोई फायदा नहीं मिला। बल्कि भाजपा जानती है कि तख्ता पलट करने के बाद उनके साथ गठजोड़ करके वे अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं।”

क्रेस्टो ने कहा कि ऐसा लगता है कि या तो स्थानीय भाजपा इकाई ने उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र के वोटरों में उनकी अस्वीकार्यता की सही ढंग से जानकारी नहीं दी है या फिर नड्डा को जानकारी है, लेकिन वह सब कुछ सही होने और उनका जीतना निश्चित होने की धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। और इसलिये उन्हें बताना चाहिये कि उनकी पार्टी कर्नाटक में क्यों चुनाव हारी है। और रक्षा प्रतिष्ठानों में जासूसी की बढ़ती घटनाओं और अडानी मुद्दे पर बोलना चाहिए। पार्टी के बंटने से पहले अखंड शिवसेना ने मार्च 2022 तक दो दशक से अधिक समय तक मुंबई सिविक बॉडी को चलाया। मार्च 2022 में खत्म हुए बृहन्नमुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) के पांच साल के टर्म में अंतिम मेयर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे के किशोरी पेडनेकर थे।

राज्य सरकार ने बीएमसी में प्रशासक की नियुक्ति कर दी है। क्योंकि पांच साल का टर्म पूरा होने के बाद चुनाव नहीं कराये गये हैं। 2017 के बीएमसी इलेक्शन में भाजपा ने 227 सीटों में 82 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह अखंड शिवसेना से केवल दो सीट पीछे थी।