महाराष्ट्र में उद्धव बनाम राणे (Udhav vs Rane) में अब नारायण राणे के बेटे भी शिवसेना पर निशाना साधते देखे जा सकते हैं। मंगलवार रात जब नारायण राणे (Narayan Rane) को जमानत मिली तो उनके विधायक बेटे नितेश राणे (Nitesh Rane) ने भी शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल लिया।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश ने मंगलवार देर रात एक वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें उनके पिता की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला किया गया। वीडियो, 2010 की फिल्म ‘राजनीति’ की एक क्लिप, जिसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी एक रैली को संबोधित कर रहे थे। यहां वो अपने अपने विरोधियों को “करारा जवाब” (कड़ा जवाब) देने का वादा कर रहे थे।

क्या कहा था नारायण राणे ने

नितेश के पिता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) को मंगलवार को रत्नागिरी से विवादित बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनपर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नारायण राणे के खिलाफ विवादित बयान देने का आरोप है। राणे ने आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा था- ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’

राणे के इस विवादित बयान पर शिवसेना भड़क गई और उसके कार्यकर्ताओं ने व्यापक विरोध-प्रदर्शन किया। उनके खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गईं है। इसी मामले में नारायण राणे को बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। गिरफ्तारी के करीब नौ घंटे बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

बीजेपी-शिवसेना का आरोप-प्रत्यारोप

इस बीच, भाजपा ने राणे का सपोर्ट करते हुए कहा कि वो उनकी टिप्पणी से सहमत नहीं है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में शिवसेना सांसद विनायक राउत ने राणे को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि यह “उनकी समझ से परे” है कि राणे समाज को क्या संदेश देंगे, जब वह खुद ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।

नारायण राणे (Narayan Rane) ने मंगलवार को ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा, “मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मुझे इसका पछतावा क्यों होना चाहिए?” राज्यसभा सदस्य ने विवाद को लेकर उनके खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकी को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के समक्ष अपनी याचिका में राणे ने कहा कि प्राथमिकी के आधार पर उनके खिलाफ “मनमाना” तरीके से कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि नारायण राणे और उद्धव ठाकरे के बीच अदावत काफी पुरानी है। कभी नारायण राणे शिवसेना में ही थे। कहा जाता है कि उद्धव ठाकरे के विरोध के कारण ही शिवसेना ने उन्हें निकाल दिया था। जिसके बाद वो कांग्रेस में गए और फिर बीजेपी में।