पश्चिम बंगाल में मंगलवार को निकाले गए नाबन्ना मार्च को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि बीजेपी रैली में गुंडों को लेकर आई थी और पुलिस हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली भी चला सकती थी। बता दें कि मंगलवार को राज्य में हुए इस प्रदर्शन में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी।
बनर्जी ने कहा, “बीजेपी ‘नाबन्ना अभियान’ के दौरान पश्चिम बंगाल के बाहर से ट्रेनों में बम से लैस गुंडों को लेकर आई थी। पुलिस चाहती तो हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली भी चला सकती थी, लेकिन पुलिस ने संयम रखा।” वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने प्रदर्शन में जख्मी हुए एसीपी से कहा, “अगर मैं आपकी जगह होता, तो सिर में गोली मार देता।”
इस बीच, भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत राज्य “कानूनविहीन” और “दिवालिया” हो गया है।
वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने नाबन्ना मार्च को लेकर राज्य के गृह सचिव को 19 सितंबर तक एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आरोप लगाया गया था कि भाजपा समर्थकों को पार्टी के नाबन्ना अभियान के तहत हावड़ा में राज्य सचिवालय तक मार्च में शामिल होने से रोका गया था।
नाबन्ना मार्च के दौरान पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं को कई जिलों में हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए लोगों में पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष एस मजूमदार, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी, तापसी मंडल और दिबांकर घरामी सहित भाजपा के कई नेता शामिल हैं। हल्दिया और नंदीग्राम जैसी कई जगहों पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के वाहनों को रोका।
बीजेपी ने योजना बनाई थी कि तीन जगहों से रैलियां राज्य सचिवालय तक पहुंचने की कोशिश करेंगी। सुवेंदु अधिकारी को सतरागांची से एक रैली का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया गया था, जबकि पार्टी के राज्य प्रमुख सुकांत मजूमदार को हावड़ा मैदान से रैली का नेतृत्व करना था। वहीं, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को कॉलेज स्ट्रीट से कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करना था। पिछली बार बीजेपी ने राज्य में इतने बड़े पैमाने पर अभियान 2020 में किया था।