देश में जैसे-जैसे साइबर अपराध अपने पैर पसार रहा है, वैसे ही पुलिस भी ठगों पर नकेल कसने का काम कर रही है। इसी क्रम में मुंबई के मध्य क्षेत्र की साइबर पुलिस ने ठगी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने ठगों के बैंक खाते खोलने के लिए नकली कागज तैयार करने में मदद की थी, जिसमें वे जालसाजी से निकाले गए पैसे जमा करते थे।

मामले में अधिकारी ने बताया कि, तकनीकी जांच और सूचना के आधार पर साइबर पुलिस ने अजहर अनीस अंसारी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। अंसारी ही वह शख्स था, जिसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे कथित तौर पर बैंक खाते खोले थे। साथ ही बैंक खाते के लिए फर्जी आधार कार्ड उपलब्ध कराने के आरोप में राजकुमार पांडे को गिरफ्त में लिया गया है। यह दोनों युवक एंटॉप हिल के रहने वाले हैं।

डीसीपी (साइबर) रश्मि करंदीकर ने कहा कि, राजकुमार एक आधार कार्ड केंद्र में काम करता था, उसके पास से 20 आधार कार्ड और 23 पैन कार्ड जब्त किये गए हैं। अधिकारी के मुताबिक, दोनों को साइबर जालसाजी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। जिसमें एक आरोपी ने खुद को अमेरिकी नागरिक बताकर पीड़िता से दोस्ती कर शादी का वादा किया था।

फिर कुछ दिनों बाद, इस आरोपी ने खुद को मुसीबत में फंसा बताकर महिला से करीब 45 लाख रुपये अपने बैंक खाते में मंगाए थे। इसके बाद वह महिला से संपर्क खत्म कर गायब हो गया था। जब महिला को धोखाधड़ी का एहसास हुआ तो उसने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी मामले में छानबीन करते हुए पुलिस इन आरोपियों तक पहुंची थी।

मध्य क्षेत्र साइबर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक किशोर शिंदे ने कहा, आरोपी आधार कार्ड में पता बदलकर बैंक खाते को खोलने का काम करते थे। क्योंकि, पकड़े गए आरोपियों में एक शख्स आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी में काम करता था।

वरिष्ठ निरीक्षक शिंदे ने आगे कहा कि, हमें संदेह है कि इन आरोपियों ने बैंक में कई खाते खोले थे और ठगी का पैसा उन्हीं खातों में मंगाते थे। हालांकि, हम मामले की जांच कर रहे हैं और पता कर रहे हैं कि क्या कोई बैंक कर्मचारी भी इस गिरोह के संपर्क में था, जो सही तरीके से कागजों को सत्यापित नहीं कर रहा था।