बीते कुछ समय से देश में साइबर ठगों ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर दहशत का माहौल बना दिया है। इसी क्रम में अब ठगों ने केवाईसी फ्रॉड (KYC Fraud) के जरिए ठगी का नया रास्ता निकाला है। हाल ही में देश के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को केवाईसी फ्रॉड को लेकर अलर्ट जारी किया था। क्योंकि देखा गया है कि ठग ई-केवाईसी (e-KYC) के नाम पर लोगों को जमकर चपत लगा रहे हैं।
देश में साइबर अपराध तेजी से पैर पसार रहा है और इसकी रोकथाम के लिए अबतक कोई ठोस उपाय नहीं खोजा जा सका है। कुछ राज्यों में स्थापित साइबर सेलों (Cyber Cell) के मुताबिक ठग सबसे ज्यादा फ्रॉड ई-केवाईसी के नाम पर कर रहे हैं। जालसाज खुद को सर्विस प्रोवाइडर बताकर सारी जानकारी जुटा लेता है और फिर ठगी को अंजाम दे देता है।
साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आजकल ठग लोगों को फोन कर बताते हैं कि आपका बैंक खाता (Bank Account) केवाईसी से लिंक नहीं है और आने वाले दिनों में इसे बंद कर दिया जाएगा। अगर खाते को चालू रखना है तो आधार नंबर लिंक कराकर अपनी प्रक्रिया पूरी करें। ऐसे में सामने वाला व्यक्ति हड़बड़ी में सारी निजी जानकारियां ठग के साथ अनजाने में साझा कर देते हैं। इसके बाद वह धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।
दरअसल, इस तरह के फ्रॉड को फिशिंग (Fishing) का नाम दिया गया है, जिसमें जालसाज खुद को कंपनी या बैंक का कर्मचारी बताकर जानकारी जुटा लेता है। वहीं फिशिंग के एक तरीके में आजकल लोगों को मेल व मैसेज के माध्यम से स्पैम लिंक भेजे जाते हैं। अगर कोई भी जाने-अनजाने इस लिंक पर क्लिक कर देता है तो साइबर अपराधी सारी डिटेल्स के जरिए बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
इन सब बातों के बाद जहन में सवाल आता है कि आखिर ऐसी परिस्थितियों में करना क्या है? तो यदि ऐसा कोई कॉल, मेल या संदिग्ध लिंक मैसेज (Spam Message) के माध्यम से भेजा जाता है तो सबसे पहले हमें किसी भी तरह का जवाब नहीं देना है। अगर अनजाने में लिंक करने में खाते से पैसे निकल गए है तो तुरंत खाते को बंद कराएं और संबंधित थाने में मामला दर्ज कराएं।