देश में कोरोनावायरस महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत का सिलसिला जारी है। जहां देश में एक तबका संक्रमण के डर से अपने संक्रमित परिजनों के आसपास जाने में भी घबरा रहा है, वहीं कुछ लोग इस समय भी खतरा मोल लेते हुए दूसरे जरूरतमंदों की मदद में जुटे हैं। ऐसा ही वाकया महाराष्ट्र के मुंबई में देखने को मिला है, जहां कोरोना से जान गंवाने वाले एक पानीपुरी विक्रेता के परिवार की मदद के लिए पड़ोसियों ने ही बीड़ा उठा लिया है।
मुंबई के नेपियन सी रोड पर पिछले करीब 46 सालों से पानीपुरी का ठेला लगा रहे भगवती यादव की पिछले महीने कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई। बताया गया है कि भगवती यादव को आसपास के लोग ‘बिस्लेरी पानीपुरी वाला’ बुलाते थे, क्योंकि वे पानीपुरी में भी मिनरल वॉटर इस्तेमाल करते थे। दक्षिण मुंबई के बड़े इलाके में लोग उनके यहां पानीपुर खाने आते थे।
हाल ही में मुंबई में रहने वाले लोगों को इस पानीपुरी वाले की मौत के बारे में तब पता चला, जब पड़ोसियों ने यादव के परिवार के लिए फंड जुटाने का अभियान शुरू किया। क्राउड सोर्सिंग प्लेटफॉर्म केटो (Ketto) पर बकायदा इसके लिए पैसे भी जुटाए जा रहे हैं। इस वेबसाइट में मौजूद बयान में कहा गया है कि 46 साल तक यादवजी ने हमेशा बिस्लेरी की पानीपुरी खिलाकर लोगों के स्वास्थ्य को पहले रखा। उनकी उदारता की भी कोई सीमा नहीं थी और वे लोगों को एक और पानीपुरी खिलाने में कभी नहीं हिचके।
यादवजी के पड़ोसियों ने उनके परिवार के लिए 42 दिनों में 5 लाख रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, पिछले दो दिनों में ही इसमें दो लाख से ज्यादा रुपए इकट्ठा हो चुके हैं। नेपियन रोड में उनके घर के पास रहने वाले यश बैद ने बताया कि यादवजी अपने घर में अकेले कमाने वाले शख्स थे। हम उनकी बेटी से संपर्क में हैं। हमने उनके परिवार की मदद की सोंची। इसलिए हमने क्राउडफंडिंग वेबसाइट पर एक अपील डाल दी।
भगवती यादव की बेटी जो कि फिलहाल अपनी मां के साथ उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अपने पैतृक गांव में है ने कहा कि वे आसपास के लोगों में अपने दिवंगत पिता के लिए प्यार देखकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि क्राउडफंडिंग के लिए उनके पिता के कई रेगुलर कस्टमर भी आगे आए हैं। इनमें गिरीश अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति भी हैं, जिन्होंने पैसे जुटाने के लिए ऑनलाइन अभियान शुरू किया।