पुणे के एक शख्स को अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाना महंगा पड़ गया। शख्स को अधिकारियों ने मुंबई इंटरनेशलन एयरपोर्ट के इमिग्रेशन काउंटर पर तब रोका जब उन्हें उसके पासपोर्ट से कुछ पन्ने गायब मिले। शख्स ने दावा किया कि उसने ही पासपोर्ट के पन्नों को फाड़कर नष्ट कर दिया था। दरअसल, शख्स को डर था कि उसकी यात्रा के बारे में पता न चल जाए।
यह शख्स अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मालदीव छुट्टी मनाने गया था, लेकिन वापस लौटते समय उसने पासपोर्ट पर लगे वीजा स्टैम्प के पन्नों को फाड़ दिया। न्यूज पेपर ‘मिड डे’ के मुताबिक, 32 साल का यह शख्स पेशे से इंजीनियर है। उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है।
पत्नी से झूठ बोलकर गया था मालदीव: रिपोर्ट के अनुसार, शख्स कुछ दिन पहले अपनी पत्नी से यह कहकर मालदीव गया था कि वह ऑफिस के काम से विदेश यात्रा पर जा रहा है। जबकि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ गया था। जब उसने फोन नहीं उठाया तो पत्नी को शक हो गया। मालदीव से लौटने के बाद इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को पता चला कि शख्स के पासपोर्ट के कुछ पन्ने गायब थे। इंजीनियर गुरुवार रात मुंबई पहुंचा, जहां आव्रजन अधिकारियों ने देखा कि उसके पासपोर्ट के पेज 3-6 और 31-34 गायब थे। इस बारे में पूछने पर वह आदमी टाल-मटोल करता रहा।
ट्रिप छुपाने के लिए फाड़े पन्ने: जिसके बाद इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने उसे सहार पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी समेत जालसाजी की विभिन्न धाराओं के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया। इंजीनियर शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी के गुस्से से खुद को बचाने के लिए ऐसी गलती की। उसने पासपोर्ट के पन्ने इसलिए फाड़े थे ताकि उसकी पत्नी को मालदीव यात्रा के बारे में कभी पता न चले। वह मालदीव अपनी गर्लफ्रेंड के साथ गया था जिसके साथ उसका एक्सट्रा मैरिटल अफेयर चल रहा था।
शख्स ने कहा कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि पासपोर्ट के पन्नों को फाड़ना एक जुर्म है। वहीं उसके वकील ने शख्स के बेगुनाह होने का दावा किया। वकील ने कहा कि आईपीसी की जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, वे लागू ही नहीं होते हैं। ये पासपोर्ट एक्ट का मामला है।