MP Chunav Election Result 2018, MP Vidhan Sabha Election Chunav Result 2018: मंदसौर का किसान आंदोलन इस बार मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सबसे अहम मुद्दा था। माना जा रहा था कि यह मुद्दा शिवराज सरकार को काफी नुकसान पहुंचाएगा। फिलहाल आंदोलन की जन्मस्थली यानी मंदसौर संसदीय क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस के प्रदर्शन पर नजर डालें तो यहां कहानी बिलकुल उल्टी नजर आ रही है। संसदीय क्षेत्र की आठ सीटों में से महज एक सीट बमुश्किल कांग्रेस बचा पाई है। यहां के नतीजे ठीक 2013 के चुनावों की तरह ही रहे हैं। इस बार भी संसदीय सीट की आठ में से सात सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की।
ऐसे रहे आठों सीटों के परिणाम
1. मंदसौरः यहां से भाजपा के यशपाल सिंह सिसौदिया लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। उन्हें यहां से 1,02,626 वोट मिले। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा को 84,256 वोट मिले।
2. मल्हारगढ़ः यहां से शिवराज सरकार में मंत्री रहे जगदीश देवड़ा को 99,839 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के परशुराम सिसौदिया को हराया जिन्हें 87,967 वोट मिले। किसान आंदोलन के उग्र होने की शुरुआत इसी विधानसभा क्षेत्र से मानी जाती है।
Election Result 2018 Highlights: Rajasthan | Telangana | Mizoram | Madhya Pradesh | Chhattisgarh Election Result 2018
3. सुवासराः 2013 में भी पूरे उज्जैन संभाग में यह इकलौती सीट थी जो कांग्रेस ने जीती थी। इस बार भी यहां से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपनी सीट बचाई है। हालांकि एक बागी नेता के चलते उन्हें जीत हासिल करने में कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उन्हें भाजपा प्रत्याशी के मुकाबले महज 350 वोट ज्यादा मिल पाए। डंग को यहां से 93,169 वोट मिले। वहीं भाजपा के राधेश्याम पाटीदार को यहां से 92,819 वोट मिले। विपरीत परिस्थितियों में भी कांग्रेस को जीत दिलाने वाले डंग को इस बार मंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है।
4. गरोठः यहां से भाजपा के देवीलाल धाकड़ को 75,946 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया को हराया। सोजतिया को यहां से 73,838 वोट मिले।
5. नीमचः यहां से भाजपा नेता दिलीप सिंह परिहार को 87,197 वोट मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 72,340 वोट ही मिल पाए।
6. मनासाः यहां से भाजपा के माधव मारू (87,004 वोट) ने कांग्रेस के उमराव सिंह (61,050 वोट) को हराया।
7. जावदः यहां से भाजपा ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरेंद्र कुमार सखलेचा के बेटे को टिकट दिया था। तमाम अंतर्विरोधों की खबरों के बावजूद उन्हें यहां से 52,316 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के राजकुमार अहीर (48,045 वोट) को हरा दिया। यहां से तीसरे नंबर निर्दलीय प्रत्याशी समंदर पटेल रहे जिन्हें 33,712 वोट मिले।
8. जावराः भाजपा के सबसे लंबे कार्यकाल वाले सांसदों में शुमार दिवंगत डॉक्टर लक्ष्मीनारायण पांडेय के बेटे राजेंद्र पांडेय को यहां से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था। उन्हें यहां से 64,503 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता केके सिंह कालूखेड़ा को महज 63,992 वोट ही मिले। यहां दो निर्दलीयों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। तीसरे नंबर पर रहे श्यामबिहारी पटेल को 23,672 जबकि चौथे नंबर पर रहे डॉक्टर हमीरसिंह राठौड़ को 16,593 वोट मिले।