मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की सरकार में कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को मुसलमानों का भस्मासुर करार दिया है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर असदुद्दीन ओवैसी का मुगलों से कोई संबंध नहीं है, तो वह उन्हें लेकर इतना हल्ला क्यों मचाते हैं? बकौल मिश्रा, “पहले खाई डाल दी, अब नारी अस्मिता पर ही सवाल उठा दिया। वह इसमें (नारी के अपमान में) अपमान सम्मान समझते हैं कि अगर मुगलों से कोई संबंध नहीं था यहां के मुसलमानों का तो मुगलों के स्मारकों पर आप क्यों बड़े जोर से हल्ला मचाने लगते हो? आखिरकार क्यों कहने लगते हो कि उन्होंने बनाई-उन्होंने बनाई है।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह ने एक हिंदी चैनल से बातचीत के दौरान कहा- मेरा मानना है कि ओवैसी भारत की सामाजिक समरता को तोड़ना चाह रहे हैं। ये बयान नहीं है बल्कि वह भारत के सनातन को गाली दे रहे हैं। ये वही ओवैसी हैं, जो भारत के सनातन और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हैं। वह अगर 1947 के पहले होते तो यह सुपर जिन्ना होते। वह आज के भी सुपर जिन्ना बनने की कोशिश करते हैं।
उन्हें अगर इतना ही शौक है तो वह पहले यह जान लें कि वह आखिरकार कौन हैं। बेहतर होगा कि वह गुलाम नबी आजाद का एक बयान (वह टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पूर्वज हिंदू थे) सुन लें। वह बता देगा कि कौन किसका पूर्वज है और कौन किसकी बीविया हैं। ओवैसी कम से कम गुलाम नबी आजाद से सीख तो लें। सभ्यता और संस्कृति तो सीख लें।
बकौल सिंह, “यह (ओवैसी) तो देश को गाली दे रहे हैं। यह देश को कतई बर्दाश्त नहीं है। ये हमारी सामाजिक समरसता को तोड़ना चाहते हैं। यह दुनिया जानती है। ऐसा नहीं है है तो औरंगजेब की कब्र पर चादर चढ़ाने कौन गया था। अगर मुगलों से इन्हें स्नेह नहीं है तो बताएं। बाबर की तारीफ कौन करता है।”
ओवैसी के इसी बयान पर मचा बवाल। सुनें, उन्होंने क्या कुछ कहा था: