Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी देकर एलएनजेपी के बजाए किसी दूसरे अस्पताल में सत्येंद्र जैन का मेडिकल टेस्ट कराए जाने की मांग की है। जांच एजेंसी ने कहा है कि यह अस्पताल दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है, इसलिए वहां की रिपोर्ट की विश्वनीयता सन्देह से परे नहीं है। एजेंसी ने सत्येंद्र जैन का मेडिकल टेस्ट एम्स या आरएमएल में कराए जाने की मांग की है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन फिलहाल एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं। ईडी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि 27 जून को जांच अधिकारी ने पाया था कि सत्येंद्र जैन मरीज के बिस्तर पर बिना कैनुला के सो रहे थे। यहां तक कि​ मल्टीपारा पेशेंट मॉनिटर भी बंद कर दिया गया था और आरोपी के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली सारी मशीनें बंद थीं।

संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ सब कुछ- ईडी

जांच एजेंसी ने कहा है कि उस वक्त कमरे में जैन की पत्नी भी मौजूद थीं। जैसे ही जांच अधिकारी वहां पहुंचे, सत्येंद्र जैन ने तत्काल ऑक्सीजन मास्क लगा लिया, ब्लड प्रेशर नापने वाली बेल्ट भी लगा ली और ‘मॉनीटर’ को ऑन कर दिया गया। ईडी ने कहा है कि यह सब संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ है और प्रथम दृष्टया जैन की स्थिति ऐसी भी नहीं थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़े।

आप नेता सत्येंद्र जैन को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। पहले उन्हें पुलिस हिरासत में रखा गया था और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

जैन को मंत्रिमंडल से निलंबित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज

वहीं, एक अन्य मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार मंत्री सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से निलंबित करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग की याचिका खारिज कर दी।