Minta Devi Age Row: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच राज्य की मिंता देवी चर्चा में हैं। मिंता देवी के तीनों बेटों ने मार्च में कक्षा 5, 4 और 1 की पढ़ाई पूरी कर ली। लेकिन जब अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए उनका दाखिला कराने का समय आया, तो परिवार बिहार के छपरा जिले के एक स्थानीय निजी स्कूल की 5,000 रुपये की फीस नहीं जुटा पाया, जिसमें वे पढ़ते थे। मिंता देवी के पति धनंजय कुमार सिंह (38) कहते हैं कि पैसे की अभी दिक्कत ज्यादा हो गई है।

मिंता देवी (35) ने अप्रैल में फीस चुकाने के लिए पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने की कोशिश की। हालांकि, उनका कहना है कि उन्हें वोटर कार्ड दिखाने के लिए कहा गया, जो उस समय उनके पास नहीं था। तभी तीन छोटे बच्चों की मां मिंता देवी ने वोटर कार्ड के लिए आवेदन करने का फैसला किया। बाद में, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान प्रकाशित मतदाता सूची के मसौदे में एक लिपिकीय त्रुटि के कारण मिंता देवी का नाम 124 वर्ष की उम्र में दर्ज हो गया।

एसआईआर पर राजनीतिक खींचतान के बीच, उनकी उम्र में हुई इस त्रुटि ने विपक्ष को और अधिक बल दे दिया, क्योंकि उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाया। मंगलवार को इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने इस प्रक्रिया (SIR) में कथित अनियमितताओं के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने मिंता देवी के नाम और फोटो वाली सफेद टी-शर्ट पहनी हुई थी। वही फोटो जो उन्होंने अपने वोटर कार्ड के लिए दी थी। टी-शर्ट के पीछे ‘124 नॉट आउट’ छपा था।

35 साल महिला के नए मतदाता पहचान पत्र पर जन्मतिथि ’15-07-1900′ अंकित थी, जिसके कारण वह जीवित सबसे बुजुर्ग महिला बन जातीं, लेकिन सीवान जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह तिथि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान हुई एक लिपिकीय त्रुटि थी।

उनके आधार कार्ड के अनुसार, उनकी सही जन्मतिथि 15 जुलाई, 1990 है। मिंता कहती हैं कि साइबर कैफ़े से वोटर कार्ड के लिए आवेदन करते समय, मैंने जरूरी दस्तावेज़ के रूप में अपना आधार कार्ड संलग्न किया था। मुझे नहीं पता कि तारीख कैसे बदल गई, लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।

मिंता कहती हैं कि वोटर कार्ड मिलने के बाद उन्हें जन्मतिथि में गलती का पता तब तक नहीं चला, जब तक कि इस मुद्दे ने ध्यान आकर्षित नहीं किया। वह बिहार की दरौंधा विधानसभा सीट, जो सीवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, उसके अरजानीपुर स्थित कन्या उत्क्रमित मध्य विद्यालय मतदान केंद्र पर पहली बार मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।

वह अपने मतदाता पहचान पत्र में हुई गलती को लेकर नाराज हैं। उन्होंने कहा कि वह केवल यह चाहती थीं कि उनकी जन्मतिथि 1900 की जगह 1990 की जाए, यानी उसको सुधारा जाए। मिंता कहती हैं कि मैंने अपने गणना फॉर्म के साथ भी अपना आधार कार्ड जमा किया था, जिसमें मेरी सही उम्र दर्ज थी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरी उम्र में गलती कैसे हुई।

मंगलवार को, जब इस गलती ने पूरे देश का ध्यान खींचा तो सीवान के अधिकारियों ने बताया कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ने कहा है कि नया फॉर्म (फॉर्म-06) भरने की प्रक्रिया के दौरान गलती से उनकी उम्र 124 दर्ज हो गई थी। ड्राफ्ट रोल के प्रकाशन के बाद, बीएलओ ने मतदाता सूची में गलती की ओर ध्यान दिलाया और मिंता देवी से संपर्क किया, जिन्होंने सुधार प्रक्रिया के तहत 10 अगस्त को फॉर्म-08 के माध्यम से मतदाता सूची के विवरण में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। नियमानुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर दावे का निपटारा किया जाएगा।

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मिंता फिलहाल अपने पति और बच्चों के साथ छपरा में किराए के मकान में रहती हैं। वह बच्चों की देखभाल करती हैं, जबकि धनंजय ई-रिक्शा चलाते हैं। वह कहती हैं कि मेरे पति किसी तरह से 15,000 रुपये प्रति माह कमा लेते हैं।

पिछले डेढ़ साल में परिवार ने मिंता के नाम पर लगभग ढाई लाख रुपये का कर्ज लिया है। मिंता कहती हैं कि हमारी ज़्यादातर कमाई उस कर्ज को चुकाने में चली जाती है। बाकी पैसा किराए और घर की ज़रूरतों पर खर्च हो जाता है। इसके बाद परिवार ने बच्चों की निजी स्कूल की फीस के लिए दूसरी बार लोन लेने का विचार त्याग दिया तथा इसके बजाय मौजूदा ऋण चुकाने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। मिंता कहती हैं कि हम अपनी मौजूदा स्थिति में उनकी स्कूल फीस नहीं भर सकते, लेकिन हमने उनकी पढ़ाई पूरी तरह से बंद नहीं की है। हम अपने बच्चों को एक निजी शिक्षक के ज़रिए घर पर ही ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, जो 1,000 रुपये प्रति माह लेता है। वहीं, मिंता देवी ने कहा कि प्रियंका गांधी कौन होती हैं मेरा चेहरा टी-शर्ट पर छापने वाली। पढ़ें…पूरी खबर।

(इंडियन एक्सप्रेस के लिए हिमांशु हर्ष की रिपोर्ट)