दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार (16 मई) को केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अवर सचिव को गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के नोटिस जारी करने में भ्रष्टाचार के आरोप में दर्ज मामले में पांच दिनों की सीबीआइ हिरासत में भेजा। अवर सचिव पर आर्थिक लाभ के लिए विभिन्न एनजीओ को एफसीआरए नोटिस जारी करने में कथित रूप से ईमानदारी नहीं बरतने का आरोप है।
विशेष सीबीआइ न्यायाधीश विनोद कुमार ने अवर सचिव आनंद जोशी को पूछताछ के लिए 20 मई तक जांच एजंसी की हिरासत में भेजने को मंजूरी दे दी। जोशी को पश्चिमी दिल्ली से रविवार (15 मई) को गिरफ्तार किया गया था। जोशी की हिरासत की मांग करते हुए सीबीआइ ने दलील दी थी कि गृह मंत्रालय में विभिन्न एनजीओ की फाइलें गुम हो गईं और उन फाइलों को जोशी के घर से बरामद किया गया। जबकि किसी भी अधिकारी को फाइलें अपने घर ले जाने की अनुमति नहीं है।
जांच एजंसी ने कहा कि जोशी न तो जांच में सहयोग कर रहे हैं और न ही संबद्ध तथ्यों का खुलासा कर रहे हैं। उनसे हिरासत में इस बात की पूछताछ की जानी है कि फाइलें उनके घर कैसे पहुंचीं। सीबीआइ ने अदालत में आरोप लगाया कि जोशी ने एफसीआरए के तहत बड़ी संख्या में पंजीकृत एनजीओ और सोसाइटियों को ईमानदारी न बरतते हुए मनमाने ढंग से नोटिस जारी किए। नोटिस उन एनजीओ को जारी किए गए जिन्हें विदेशों से बड़ी राशि योगदान के रूप में मिल रही थी।
अदालत में जिन संस्थाओं का नाम लिया गया, वे हैं- केयर इंडिया, स्नेहालय चैरिटेबल ट्रस्ट, इंडियन एचआइवी/एड्स अलायंस और अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन। सीबीआइ ने आरोप लगाया कि इनमें से कुछ संस्थानों के प्रतिनिधियों को बुलाकर जोशी ने गैरकानूनी लाभ हासिल किए। यह भी कहा गया कि जब सीबीआइ टीम जोशी के घर गई तो वह वहां मौजूद नहीं थे। उनका मोबाइल फोन 11 से 15 मई तक बंद पाया गया। वह एक झूठा नोट घर पर छोड़ कहीं चले गए थे।
जोशी के वकील ने इस आरोप का विरोध करते हुए सफाई दी कि जोशी का मोबाइल बंद नहीं था बल्कि उज्जैन में खो गया था। बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि जोशी के 24 साल के करिअर में उसके खिलाफ एक ऑफिस मेमो तक नहीं जारी किया जा सका है। जोशी को रविवार (15 मई) को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा की टीम के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।
इनमें तीस्ता सितलवाड़ के सबरंग ट्रस्ट से संबंधित फाइलों के गायब होने के बारे में सवाल भी थे। जोशी गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित अपने आवास से 11 मई से गायब थे। उन्हें रविवार को पश्चिमी दिल्ली के तिलकनगर से सीबीआइ मुख्यालय ले जाया गया, जहां सवाल-जवाब किए गए। जोशी और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ विदेशी फंड पाने वाले एफसीआरए के तहत पंजीकृत कई एनजीओ को नोटिस जारी करने में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। इन एनजीओ में तीस्ता सितलवाड़ के सबरंग ट्रस्ट का भी नाम है।