नगर निगम (एमसीडी) कर्मचारियों की हड़ताल को मंगलवार को एक हफ्ता पूरा हो गया। हजारों कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए मंगलवार को अपने हाथों में भीख का कटोरा लेकर सिविक सेंटर से राजघाट तक मार्च किया। एमसीडी कर्मचारियों के विरोध मार्च से आउटर रिंग रोड, आइटीओ और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित रहा।

पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के अनेक स्थानों पर सफाई कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों की ओर से सड़कों पर कूड़ा फेंकने के कारण भी यातायात व्यवस्था बदहाल रही। प्रदर्शनकारियों में नगर निकाय के सफाई कर्मचारी, चिकित्सक, अभियंता, नर्स, चिकित्सा कर्मी एवं अन्य तकनीकी एवं लिपिकीय कर्मचारी शामिल थे।

उन्होंने हाथ में भीख का कटोरा लेकर सिविक सेंटर से राजघाट तक मार्च किया। नगर निगम डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आर बार गौतम ने कहा, ‘हम दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों से हड़ताल समाप्त करने के लिए इसके समाधान की गुजारिश करते हैं। हमारी हड़ताल के कारण हजारों लोगों को परेशानी हो रही है। समय पर वेतन एवं अन्य भुगतान के लिए स्थायी समाधान नहीं होने के कारण हम यह हड़ताल करने के लिए मजबूर हैं। उत्तरी और पूर्वी दिल्ली निगमों के चिकित्सकों, नर्सों व अर्ध चिकित्सकीय कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आपातकालीन सेवा को छोड़कर ओपीडी और मरीजों की भर्ती समेत सभी सेवाएं बंद हैं’।

करीब 8,000 चिकित्सकों व स्थानीय चिकित्सकों, सात अस्पतालों के 10,000 नर्सों व अर्धचिकित्सक कर्मचारियों और एडीएमसी और ईडीएमसी के तहत आने वाले पॉलीक्लीनकों एवं औषधालयों के सैकड़ों कर्मचारी 27 जनवरी से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के हजारों निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दो नगर निगमों के विद्यालयों के अध्यापकों की हड़ताल के कारण भी लाखो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।

नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव राम निवास सोलंकी ने कहा, ‘ हजारों शिक्षकों के बहिष्कार एवं दोपहर के भोजन से संबंधित काम बंद होने के चलते सभी 1,100 विद्यालय बंद है। हम दक्षिण दिल्ली नगर निगम में अपने सहयोगियों से भी इस हड़ताल में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं’। करीब 12,000 अध्यापकों की हड़ताल के कारण करीब सात लाख छात्र पढ़ाई से वंचित हैं। जिसमें एनडीएमसी के 4.5 लाख और ईडीएमसी के 2.5 लाख बच्चे हैं।

एमसीडी कर्मचारियों के संगठन युनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा ने कहा, ‘भीख में एकत्रित धन को हम अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वितरित कर देंगे क्योंकि उनके पास हमारा वेतन, बकाया, पेंशन और अन्य भुगतान के लिए धन नहीं है। हमने दिल्ली सरकार, नगर निगम प्राधिकरण, उपराज्यपाल और केंद्र सरकार समेत सभी पक्षकारों से इस मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय इसका समाधान निकालने की गुजारिश की है। अगर आने वाले दिनों में हमारी मांगे पूरी नहीं हुर्इं तो हड़ताल और तेज की जाएगी।