बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। दरअसल गुजरात में बीजेपी सरकार ने उत्तराखंड की तर्ज पर समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के लिए कमेटी बनाने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव से पहले यह बीजेपी का बड़ा दांव है। वहीं अब इस मुद्दे को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूसीसी का मुद्दा उठाने से पता चलता है कि बीजेपी की हालत गुजरात में वास्तव में ठीक नहीं है।

मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी विभाजनकारी मुद्दों को लेकर ही आगे बढ़ती है। उन्होंने लिखा, “यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं। किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहाँ बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।”

मायावती ने कुल 3 ट्वीट किए और कहा कि बीजेपी विचलित हो गई है और झुक रही है। उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “जबकि केन्द्र ने अभी हाल में स्वंय माननीय सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड के मामले पर कोई निर्णय अभी न किया जाए, क्योंकि इसे वह 22वें लॉ कमीशन को सौंपेगी। तो फिर गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐसा क्या होने जा रहा है, जिससे बीजेपी विचलित है व झुक रही है?”

मायावती ने गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की फंडिंग को लेकर भी सवाल उठाया। मायावती ने ट्वीट कर पूछा, “चुनाव को प्रभावित करने के लिए जनता की नजर से अज्ञात श्रोतों से प्राप्त अकूत धन का इस्तेमाल कितना उचित है? ताजा आँकड़े बताते हैं कि गुजरात व हिमाचल विधानसभा आमचुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की गुप्त फंडिंग की मार्फत 545 करोड़ रुपये के चन्दे दिए गए हैं।यह धन कहाँ जा रहा है?”

बता दें कि गुजरात सरकार ने शनिवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड के कार्यान्वयन के लिए एक पैनल बनाने के अपने फैसले का ऐलान किया है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें चार सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समिति के सदस्यों का चयन करेंगे। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने इसका ऐलान किया।