बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को राजग सरकार पर दलित विरोधी सोच रखने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उच्च पदों पर आसीन लोगों द्वारा दलित समुदाय के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणियों को नजरंदाज कर रहे हैं।

उन्होंने छह दिसंबर के दिन ही 1992 में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए सांप्रदायिक ताकतों पर भी निशाना साधा। इसी दिन बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि भी है। आंबेडकर की पुण्यतिथि पर जारी किए गए एक बयान में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकार की तरह, भाजपा की मौजूदा सरकार भी खोखली बयानबाजी के अलावा बाबा साहेब के अनुयायियों के लिए कुछ ठोस काम नहीं कर रही है।

आंबेडकर की 125वीं जयंती पर जहां एक तरफ संसद में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर चर्चा हो रही है वहीं मंत्री, राज्यपाल और नरेंद्र मोदी सरकार के अन्य नेता दलितों और अल्पसंख्यक समुदाय के पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की कथनी और करनी में खासा अंतर है। केंद्र की यह पहली सरकार है जहां मंत्री नियंत्रण से बाहर दिख रहे हैं और दलितों व मुसलिमों के खिलाफ गैर-जिम्मेदाराना और अमर्यादित बयान दे रहे हैं। बसपा प्रमुख ने इस बात की ओर इशारा किया कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को राज्यसभा में घेरने में उनकी पार्टी सबसे आगे है।