BSP Chief Mayawati: बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर राजधानी लखनऊ में बीएसपी चीफ मायावती ने एक रैली के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा तो वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। मायावती ने कहा कि जब सपा सत्ता में होती तो इनके मुखिया को कांशीराम और दलित याद नहीं आते, लेकिन सत्ता से बेदखल होने के बाद यह दलित प्रेम दिखाते हैं।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, “हालांकि आप सभी जानते हैं कि उनके (कांशीराम) सम्मान में निर्मित इस स्थल (कांशीराम स्मारक) के कुछ हिस्सों की मरम्मत में देरी के कारण, आप कुछ समय से उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित नहीं कर पाए थे। लेकिन अब, अधिकांश मरम्मत कार्य पूरा हो जाने के बाद, इस बार, मेरे साथ, आप सभी ने भीड़ के मामले में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, लाखों की संख्या में इस स्थल पर श्रद्धेय कांशीराम जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आए हैं।”
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि वर्तमान भाजपा सरकार से पहले, जब समाजवादी पार्टी (सपा) सत्ता में थी, उन्होंने टिकटों से एकत्र धन को रोक लिया और रखरखाव पर एक भी रुपया खर्च नहीं किया। मायावती ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि हम वर्तमान राज्य सरकार के बहुत आभारी हैं, और हम इसलिए आभारी हैं क्योंकि पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के विपरीत, जो इस स्थल (कांशीराम स्मारक) पर आगंतुकों से टिकट लेने पर प्रतिबंध लगाती थी, वर्तमान भाजपा राज्य सरकार ने न केवल इसकी अनुमति दी है, बल्कि स्थल की मरम्मत और रखरखाव के लिए पूरी तरह से धन भी दिया है।
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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी और ये स्थल पहले ही बन चुके थे, तब उन्होंने इनके रखरखाव पर कोई पैसा खर्च नहीं किया और टिकट से होने वाली आय रोक ली। फिर भी, अब जब समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर है, तो कुछ दिन पहले ही वे मीडिया में आकर दावा कर रहे हैं कि वे श्रद्धेय श्री कांशीराम जी के सम्मान में संगोष्ठी आयोजित करेंगे। मायावती ने कहा कि जब वे सरकार में थे, तब उन्हें न तो पीडीए याद आया और न ही कांशीराम की जयंती या पुण्यतिथि याद आई। लेकिन अब सत्ता से बाहर होने के बाद, समाजवादी पार्टी को अचानक ‘याद’ आ गई है और वे उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करने की बात कर रहे हैं।”
मायावती ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं कि यदि आप सचमुच आदरणीय श्री कांशीराम जी के प्रति इतना सम्मान और श्रद्धा रखते, तो जब मेरी सरकार उत्तर प्रदेश में सत्ता में थी, तो हमने अलीगढ़ मंडल में कासगंज नाम से एक अलग जिला बनाया और उसका नाम आदरणीय श्री कांशीराम जी नगर रखा। लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी सत्ता में आई, उन्होंने नाम बदल दिया… जब वे सत्ता में होते हैं, तो उन्हें न तो पीडीए, न ही महान संत, गुरु और नेता याद आते हैं, न ही उनका सम्मान करते हैं। लेकिन सत्ता से बाहर होते ही उन्हें अचानक हमारे संत, गुरु और महान नेता याद आने लगते हैं। लोगों को ऐसे ‘दोगले’ (दोमुँहे) लोगों से बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है।
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