बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती मंगलवार को 63वां जन्मदिन मना रही हैं। बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों में जहां बड़े-बड़े नेताओं की सियासी जमीन छिन जाती है वहां बीएसपी में आज भी मायावती बेहद मजबूत है। तमाम आरोपों के बावजूद पार्टी में मायावती का स्थान पूरी तरह सुरक्षित है। आइए जानते हैं मायावती के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में
चार बार उत्तरप्रदेश की सीएम रह चुकीं मायावती करियर के शुरुआती दिनों में एक टीचर हुआ करती थीं। वे आईएएस बनना चाहती थीं इसी बीच साल 1984 में वे कांशीराम से मिलीं और 1989 में पहली बार बीएसपी से सांसद बनकर लोकसभा पहुंचीं। इस तरह वे एक टीचर से एक नेता बन गई थीं। एक और किस्सा मायावती के जीवन से जुड़ा है जब यूपी में एसपी और बीएसपी की गठबंधन सरकार थी और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उस समय यूपी लखनऊ के गेस्ट हाउस में मायावती बीएसपी विधायकों से मीटिंग कर रही थीं और कांशीराम दिल्ली में बीजेपी के नेताओं के संपर्क में थे। बीएसपी ने जैसे ही समर्थन वापस लेने का ऐलान किया गुस्साए सपा कायकर्ता गेस्ट हाउस में तोड़फोड़ करने लगे। इस घटना में मीडियाकर्मियों और बीजेपी नेताओं ने मायावती को बचाया था।
गेस्ट हाउस कांड के नाम से कुख्यात इसी घटना के बाद से मायावती काफी सख्त हो गईं थीं, वे साड़ी छोड़कर सूट पहनने लगीं उन्होंने अपने विरोधियों का एक-एक कर सूपड़ा साफ कर दिया। इसी कांड से जुड़ा एक किस्सा और भी है जो इस सख्त नेता के कोमल दिल की याद भी दिलाता है। गेस्ट हाउस कांड में मायावती की जान बचाने वाले बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हाल ही में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद मायावती उनके घर पहुंचीं और फूट-फूट कर रोने लगीं। मायावती ने ब्रह्मदत की पत्नी के लिए खुद प्रचार किया यहां तक की फर्रुखाबाद सीट से उन्हें जिताने के लिए बीएसपी का कोई प्रत्याशी भी नहीं खड़ा किया
मायावती अपनी लग्जरी लाइफस्टाल को लेकर भी काफी चर्चा में रह चुकी हैं। विदेश से सैंडल मंगवाने से लेकर लाखों की डिजाइनर माला पहनने, पैसे लेकर चुनाव के टिकट देने जैसे आरोप भी उन पर लगते रहे हैं। लेकिन जिसने भी उनके खिलाफ आवाज उठाई मायावती ने उसका राजनीतिक करियर मुश्किलों में डाल दिया।