दिल्ली के उपमुख्यमंत्री (Delhi Deputy CM) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Lt. Governor Vinay Kumar Saxena) को पत्र लिखकर सरकार के कामों में गैर जरूरी हस्तक्षेप नहीं करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, सिसोदिया ने कहा, “आप हस्तक्षेप कर रहे हैं, सीधे अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं।” सिसोदिया ने कहा कि आप अफसरों को सीधे फरमान जारी नहीं कर सकते हैं।
Manish Sisodia ने पत्र में क्या लिखा?
उन्होंने पत्र में लिखा, “एलजी साहब! सरकार के रोजमर्रा के कामों में दखलअंदाजी कर रहे हैं। आप मंत्रियों को साइड करके सीधे अफसरों को आदेश दे रहे हैं। गलत काम ना करने पर अफसरों को सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है।”
उन्होंने चिट्ठी में आगे कहा, “मेरे संज्ञान में कुछ ऐसे मामले आए, जिनके बारे में मुझे आपको बताने के लिए चिट्ठी लिखने पर मजबूर होना पड़ा। आपके कार्यालय ने हाल के दिनों में विभिन्न विभागों से फाइलें मंगवाई हैं। आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अधिसूचना तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अनदेखा कर यह अनुच्छेड 239एए में निहित लागू संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन के अलावा सभी काम दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधायी और कार्याकारी निर्णय लेने के लिए बाध्य है।
बता दें कि दिल्ली में कामकाज को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच तकरार देखने को मिली है। तीन दिन पहले ही उपराज्यपाल ने राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के लिए आप सरकार से 97 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था। भुगतान करने के लिए उन्होंने सरकार को 15 दिन का समय दिया है। इसके साथ ही, एलजी वीके सक्सेना ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लंबित पड़ी केंद्र की 11 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं दिल्ली सरकार के पास लंबित हैं।