मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को माकपा व कांग्रेस के बीच हुए चुनावी गठजोड़ को ‘अपवित्र’ करार देते हुए लोगों से अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में उसे पराजित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों का कोई आदर्श नहीं है। वे पुरुलिया जिले के बाघमुंडी में तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित एक चुनावी रैली में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि माकपा व कांग्रेस का गठजोड़ अपवित्र है। इस गठजोड़ को एक भी वोट नहीं देकर इसे पराजित करें। ऐसे अपवित्र गठजोड़ को खारिज कर दें जिसका कोई आदर्श नहीं है। उन्होंने अपने विरोधियों-वाममोर्चा, कांग्रेस और भाजपा को पार्टी को बदनाम करने वाले अभियान चलाने की बजाय राजनीतिक रूप से मुकाबला करने की चुनौती दी।
ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने आम लोगों के जीवन की बेहतरी के लिए जिले में कई विकास योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने पहले माओवादी हिंसा से प्रभावित इस इलाके में शांति बहाल की है। तृणमूल प्रमुख ने कहा कि पूर्व वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल के दौरान पूरे जंगलमहल इलाके के लोग आतंकित थे। यहां रोजाना हत्याएं व खूनखराबा होता था। लेकिन अब वह दौर बीत गया है और इलाके में शांति लौट आई है।
ममता ने कहा कि वर्ष 2011 से पहले यहां लोग डर कर जी रहे थे। रात के समय जंगलमहल इलाके में ट्रेनें भी नहीं चलती थीं। लेकिन देश भर से फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए इस इलाके में आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सामाजिक क्षेत्रों व आधारभूत ढांचे के विकास में जंगलमहल ने काफी प्रगति की है। इससे उनकी सरकार के प्रति लोगों में भरोसा पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग व सहनशीलता की वजह से ही इलाके में शांति बहाल करना संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने इलाके के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया था। लेकिन हमने यहां बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाएं शुरू की हैं और पूरे जंगलमहल इलाके में शांति बहाल की है। उन्होंने पुरुलिया जिले के मानबाजार व झालदा को नए सब-डिवीजन के तौर पर विकसित करने की भी बात कही। ममता ने इलाके में पूरी या जारी विकास परियोजनाओं को गिनाते हुए कहा कि शांति व विकास सरकार की प्राथमिकता थी। आम लोगों के हितों को ध्यान में रख कर ही तमाम परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
बाघमुंडी के बाद ममता ने जिले के बांदवान व बलरामपुर में दो अन्य रैलियों को भी संबोधित किया। उसके बाद उन्होंने पुरुलिया टाउन में एक जुलूस में भी हिस्सा लिया।
नौकरी न छोड़ने के कारण कट गया टिकट
माकपा की ओर से जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज विधानसभा सीट के उम्मीदवार ज्योतिरंजन राय को उम्मीदवार घोषित किया गया था। उन्होंने दीवार लेखन से लेकर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था। दो हफ्ते तक दीवार लेखन और चुनाव प्रचार के बाद माकपा ने उम्मीदवार बदलने का एलान किया है। उनकी जगह राजगंज जोनल कमिटी के सदस्य सत्येन मंंडल को उम्मीदवार बनाया गया है।
बताया जाता है कि उम्मीदवार बदलने का कारण यह है कि राय को माकपा की ओर से नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन वे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नौकरी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। सूत्रों ने बताया कि राय रेगुलेटेड मार्केटिंग विभाग (कृषि विपणन के तहत) में काम करते हैं। विधानसभा चुनाव कानून के मुताबिक अगर कोई सरकारी नौकरी करने वाला उम्मीदवार बनना चाहता है, तब उसे नामांकन दाखिल करने या प्रचार शुरू करने से पहले नौकरी छोड़नी होगी। राय ने नौकरी नहीं छोड़ी थी और दल की ओर से इस बारे में कहने के बाद भी वे नौकरी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। इसलिए माकपा की ओर से उम्मीदवार बदलने का फैसला किया गया।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पराजय निश्चित है, इसलिए राय नौकरी छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके। नए उम्मीदवार मंडल का कहना है कि उम्मीदवार बनने पर अच्छा लग रहा है। कानूनी अड़चनों के कारण राय की जगह जिला कमिटी ने मुझे टिकट दिया है।